corona virusin poem hindi language
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Explanation:
आ ही गए हो तो नज़रे भी चुरा सकते नहीं,
हाथ जोड़कर करते हैं स्वागत,
हाथ हम मिला सकते नहीं,
परम्परा है अतिथियों का सत्कार करने की,
इसलिए नज़रे तुमसे चुरा सकते नहीं,
हाथ जोड़कर करते हैं स्वागत,
हाथ हम मिला सकते नहीं,
तेरे आने से देश में मायूसी सी छाई है,
जैसे एक आंधी, काली घटा घेर लायी है,
फिर भी नही डरेंगे तुमसे,
क्योंकि चिकित्सा पद्धति सबसे पहले भारत में ही आयी है,
निपटने का तुझसे हर सम्भव प्रयास जारी है,
तुमने तो फैला लिया अपना कहर,
अब निपटने की आयी तुम्हारी बारी है,
निकाल फेकेंगे तुझको इस देश की जड़ो से हम,
जैसे तुम कभी यहां आये ही न थे,
डॉक्टर की मेहनत से बेफिक्र हो जाएगा
यहां का हर एक नागरिक,
जैसे वो इससे कभी घबराए ही न थे,
डॉक्टर की मेहनत, समर्पण, और उनके इस ज़ज़्बे को में दिल से सलाम करता हूं,
कोई कितना भी करले अपमानित आपको,
पर मैं इस दुख की घड़ी में आपकी मेहनत को सत सत प्रणाम करता हूं,
मेरे देश पे आके तूने ए वाइरस नज़रे जो गढ़ा दी,
यहां तो पहले से ही थी लोगो में नजदीकियां बहुत कम,
तूने तो आके दूरिया और बढ़ा दी,
डरने लगा है आदमी-आदमी को गले लगाने से ,
इससे ज्यादा बुरा दृश्य इन आंखों के लिए और क्या होगा,
भगाएंगे तुझको यहां से ऐसे जैसे न तू यहां था न यहां होगा,
जो जहां है वही रुक गया है , ना कोई कही आ रहा है ना जा रहा है ,
तेरी वजह से कितना परेशां ये इंसा हो रहा है ,
कितनो की ज़िन्दगी छीन ली है तूने,
कितनो के घर उजाड़े है तूने,
चहल-पहल रहती थी जहां चारो और ,
सब ठिकाने तेरे कहर से हो गए हैं सूने- सूने,
है ईश्वर है अल्लाह इस दुख की घड़ी से बचा दुनिया को,
जैसे निवारण करता है कष्टो का वेसे ही निपटा दे इस महामारी को,
हर जनमानस की प्रतिरक्षा की शक्ति बढ़ा देना तू,
वाइरस के हमले से पहले,
वाइरस को ही मिटा देना तू