India Languages, asked by priti9910, 1 year ago

cricket essay in marathi​

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Answered by Anonymous
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पाठ - 2 दयाराम जी के घर लड़के वालों के स्वागत की तैयारी चल रही थी | विभिन्न प्रकार के व्यंजन और अनेक मिठाईयां थीं | मीनू की माँ को रिश्ता पक्का होने की आशा थी | कुछ देर बाद लड़का अमित, उसके पिता मायाराम जी, उसकी माँ और बहन आए | बात चली और फिर अमित और मीनू अकेले बातें करने लगे | अमित ने उसकी पसंद पूछा और फिर पूछा की क्या वह उनके संयुक्त परिवार में रह पाएगी जिस पर मीनू ने हां कहा | अमित के मन में मीनू का भोला चेहरा घर कर गया | तभी उसकी बहन आशा और भाई रोहित आ गए | आशा सुंदर थी और उस सुंदर चेहरा अमित की माँ को भा गया | मीनू की माँ को सबका आशा से ज्यादा बातें करना पसंद नहीं आ रहा था क्योंकि मीनू को थोड़े सांवले रंग की वजह से ना कह दिया गया था | जाते समय अमित के घरवालों ने कहा की वे विचार करेंगे और फिर पत्र भेजेंगे | 

पाठ - 3अमित और मायाराम जी जब घर पहुंचे तो एक सज्जन उनका इंतजार कर रहे थे | वह एक धनी व्यक्ति थे जिनका नाम धनीमल था | वे अपनी बेटी सरिता का रिश्ता लेकर आए थे | सरिता की फोटो और शादी में पांच लाख खर्च करने का प्रस्ताव दिया | मायाराम जी दहेज़ विरोधी थे और उनके प्रस्ताव को ना कह दिया | उन्होंने बताया की उन्होंने एक लड़की देख कर आ रहे हैं जो पसंद हैं | मायाराम जी अपने बेटे को पैसों में जकड़ना नहीं चाहते थे | धनीमल जी ने फिर भी एक बार विचार करने को कह कर चले गए | सबने जब बाद में सोचा तो मायाराम जी को मीनू ही ठीक लगी पर माताजी को पैसों का लालच आ गया | उन्होंने सरिता की तरफदारी की | अमित को शंका थी की बड़े घर की लड़की संयुक्त परिवार में रह पाएगी पर माँ की तर्क के आगे कोई कुछ न कह सका | मीनू को मना करना तय हुआ पर समझ नहीं आया कैसे | माताजी ने सुझाया की पत्र में मीनू की जगह आशा का रिश्ता माँगा जाए जिस पर लड़की वाले खुद ही ना कह देंगे | मायाराम जी ने पत्र लिखा पर इन सब से खुश न थे और अपराधबोध हो रहा था | उन्हें लड़कीवालों पर होने वाले पीड़ा का आभास था |


Anonymous: I'm sorry
Anonymous: pls report it.
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