Social Sciences, asked by 33908291nelu, 4 months ago

d)) मध्यकाल में गोंड राज्यों में किस प्रकार की
प्रशासनिक व्यवस्था थी।

Answers

Answered by malhotrakhushi1979
0

Answer:

tutkfr;k¡] [kkukcnks'k ---

vè;k; 2] 3 vkSj 4 esa vkius ns[kk fd fdl izdkj jkT;ksa dk mRFkku vkSj

iru gqvkA bl mBkiVd osQ chp gh dykvksa] nLrdkfj;ksa vkSj mRiknd

xfrfofèk;ksa dh u;h fOkQLesa 'kgjksa vkSj xk¡oksa esa iQy&iQwy jgh FkhaA ,d yacs

varjky esa dbZ egÙoiw.kZ jktuSfrd] lkekftd vkSj vkfFkZd ifjorZu gq,A

ysfdu lkekftd ifjorZu gj txg ,d leku ugha Fks]

D;ksafd vyx&vyx fOkQLe osQ lekt vyx&vyx rjhdksa

ls fodflr gq,A ,slk oSQls vkSj D;ksa gqvk] ;g le>uk

egÙoiw.kZ gSA

bl miegk}hi osQ cM+s fgLls esa lekt] o.kZ osQ

fu;ekuqlkj igys ls gh foHkkftr FkkA czkã.kksa }kjk lq>k,

x, ;s fu;e] cMs+&cMs+ jkT;ksa osQ jktkvksa }kjk Lohdkj fd,

x, FksA blls m¡Qp vkSj uhp rFkk vehj vkSj Xkjhc osQ chp

dk I+

kQklyk c<+kA fnYyh osQ lqyrkuksa vkSj eqX+kyksa osQ dky

esa Js.khc¼ lekt ”;knk tfVy gks x;kA

cM+s 'kgjksa ls ijs µ tutkrh; lekt

vycÙkk] nwljs rjg osQ lekt Hkh ml le; ekS”kwn FksA

miegk}hi osQ dbZ lekt czkã.kksa }kjk lq>k, x, lkekftd

fu;eksa vkSj deZdkaMksa dks ugha ekurs Fks vkSj u gh os dbZ

vleku oxks± esa foHkkftr FksA vdlj ,sls lektksa dks

tutkfr;k¡ dgk tkrk jgk gSA

izR;sd tutkfr osQ lnL; ukrsnkjh osQ caèku ls tqM+s

gksrs FksA dbZ tutkfr;k¡ [ksrh ls viuk thfodksiktZu djrh

FkhaA oqQN nwljh tutkfr;ksa osQ yksx f'kdkjh] laxzkgd ;k

Answered by Anonymous
0

Answer:

राजगोंड का भारत की जातियों में महत्वपूर्ण स्थान है जिसका मुख्य कारण उनका इतिहास है। 15वीं से 17वीं शताब्दी के बीच गोंडवाना में अनेक राजगोंड राजवंशों का दृढ़ और सफल शासन स्थापित था। इन शासकों ने बहुत से दृढ़ दुर्ग, तालाब तथा स्मारक बनवाए और सफल शासकीय नीति तथा दक्षता का परिचय दिया। इनके शासन की परिधि मध्य भारत से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार तक पहुँचती थी। 15 वीं शताब्दी में चार महत्वपूर्ण गोंड़़ साम्राज्य थे। जिसमें खेरला, गढ मंडला, देवगढ और चाँदागढ प्रमुख थे। गोंड राजा बख्त बुलंद शाह ने नागपुर शहर की स्थापना कर अपनी राजधानी देवगढ से नागपुर स्थानांतरित किया था |गोंडवाना की प्रसिद्ध रानी दुर्गावती राजगोंड राजवंश की रानी थी।

गोंडों का नाम प्राय: खोंडों के साथ लिया जाता है संभवत: उनके भौगोलिक सांन्निध्य के कारण है।

गोंड जनजाति का इतिहास उतना ही पुराना है जितना इस पृथ्वी -ग्रह पर मनुष्य, परन्तु लिखित इतिहास के प्रमाण के अभाव में खोज का विषय है। यहाँ गोंड जनजाति के प्राचीन निवास के क्षेत्र में आदि के शाक्ष्य उपलब्ध है। गोंड समुदाय द्रविढ़वर्ग के माने जाते है, जिनमे जाती व्यस्था नहीं थी। गहरे रंग के ये लोग इस देश में कोई ५-६ हजार वर्ष पूर्व से निवासरत है। एक प्रमाण के आधार पर कहा जा सकता है कि गोंड जनजाति का सम्बन्ध सिन्धु घटी की सभ्यता से भी रहा है।

गोंडवाना रानी दुर्गावती के शौर्य गाथाओं को आज भी गोंडी, हल्बी व भतरी लोकगीतों में बड़े गर्व के साथ गया जाता है। आज भी कई पारंपरिक उत्सवों में गोंडवाना राज्य के किस्से कहानियो को बड़े चाव से सुनकर उनके वैभवशाली इतिहास की परम्परा को याद किया जाताविभिन्न हिस्सों में अपने-अपने राज्य विकसित किए, जिनमे से नर्मदा नदी बेसिन पर स्थित गढ़मंडला एक प्रमुख गोंडवाना राज्य रहा है। राजा संग्राम शाह इस साम्राज्य के पराक्रमी राजाओं में से एक थे, जिन्होंने अपने पराक्रम के बल पर राज्य का विस्तार व नए-नए किलों का निर्माण किया। १५४१ में राजा संग्राम की मृत्यु पश्चात् कुंवर दल्पत्शाह ने पूर्वजों के अनुरूप राज्य की विशाल सेना में इजाफा करने के साथ-साथ राज्य का सुनियोजित रूप से विस्तार व विकास किया

please mark me as brainliest

Explanation:

Similar questions