डीब्रोग्ली का कण तरंग सिद्धांत दैनिक जीवन में क्यों दृष्टिगोचर नहीं होता?
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अतः दैनिक जीवन में प्रयुक्त वस्तुओं का द्रव्यमान बहुत अधिक होने के कारण , उनसे संबद्ध तरंग की तरंगदैर्घ्य इतनी छोटी (≈10-30 मीटर ) होती है कि तरंग प्रभाव दृष्टिगोचर नहीं होता है ।
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डी ब्रोग्ली का कण तरंग द्वैत सिद्धांत दैनिक जीवन में दिखाई नहीं देता है क्योंकि यह केवल बहुत छोटे कणों पर ही मान्य होता है l
- इस सिद्धांत से कणों का तरंग जैसा व्यवहार अधिक स्पष्ट होता है l यह सिद्धांत इलेक्ट्रॉन विवर्तन आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सहायक होता है l
- डी ब्रोग्ली के कण-तरंग सिद्धांत में कहा गया है कि पदार्थ और इलेक्ट्रॉनों सहित सभी कणों में तरंग जैसी प्रकृति होती है और वे तरंग और कण दोनों व्यवहार प्रदर्शित करते हैं।
- इस सिद्धांत ने यांत्रिकी और क्वांटम यांत्रिकी के बीच के अंतर को समझाया और परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों के व्यवहार की व्याख्या की।
- यह सिद्धांत आधुनिक भौतिकी में एक मौलिक अवधारणा है और क्वांटम यांत्रिकी और नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
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