Hindi, asked by fatimaaneela18304, 6 months ago

डिगोन अपने प्रण सेतो,सब
कुछ पा सकते हो प्यार
पक्तियों किस कवितास
तथा इसके कवि कौन है
प्रायः पक्तियों
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Answers

Answered by bm363009
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Answer:

युग-युग से है अपने पथ पर

देखो कैसा खड़ा हिमालय!

डिगता कभी न अपने प्रण से

रहता प्रण पर अड़ा हिमालय!

जो भी बाधाएं आईं

उन सब से ही लड़ा हिमालय,

इसीलिए तो दुनिया भर में

हुआ सभी से बड़ा हिमालय!

अगर न करता काम कभी कुछ

रहता हरदम पड़ा हिमालय

तो भारत के शीश चमकता

नहीं मुकुट–सा जड़ा हिमालय!

खड़ा हिमालय बता रहा है

डरो न आंधी, पानी में,

खड़े रहो अपने पथ पर

सब कठिनाई तूफानी में!

डिगो न अपने प्रण से तो

सब कुछ पा सकते हो प्यारे!

तुम भी ऊंचे हो सकते हो

छू सकते नभ के तारे!!

अचल रहा जो अपने पथ पर

लाख मुसीबत आने में,

मिली सफलता जग में उसको

जीने में मर जाने में!

सोहन लाल द्विवेदी

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