डाक और कोरियर का अध्ययन करें
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डाक और कोरियर
डाक : डाक संदेश भेजने की प्राचीन व्यवस्था है। डाक में पत्र के द्वारा संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजे जाते हैं। डाक पत्रों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने का एक साधन है। ये अधिकतक सरकारी स्वामित्व वाली सार्वजनिक सेबा होती है। डाक का इतिहास बड़ा पुराना है और 18वीं शताब्दी में डाक व्यवस्था का आरंभ हो गया था। 1774 में भारत में भी वारेन हेस्टिंग्स ने कोलकाता में पहले डाकघर का स्थापन किया था।
कोरियर : कोरियर पत्र या अन्य कोई सामान भेजने की एक आधुनिकतम व्यवस्था है। यह कोरियर एक तरह की निजी कंपनी होती है जो किसी व्यक्ति के संदेश पत्र या अन्य कोई वस्तु दूसरे वांछित व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य करती है। इसके एवज में वह वाजिब शुल्क लेती है। कोरियर व्यवस्था डाक का ही आधुनिक रूप है परंतु दोनों में अंतर है। डा व्यवस्था जहां वेद प्राचीन है यह सरकारी नियंत्रण में होती है और यह आदेश शुल्क नहीं लेती वही कोरियर अधिक शुल्क लेती है वही कोरियर वही कोरियर एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी होती है जो अधिक मात्रा में शुल्क लेकर पत्र को वांछित व्यक्ति तक पहुंचाती है। आजकल के समय में डाक से अधिक कुरियर लोकप्रिय हो गया है।
Explanation:
ek veyasik ikaiya ki asthapna aev sanchalan me aane wali kathinayyo ka adhan kare