Hindi, asked by karankumar8386, 1 year ago

डॉक्टर चंद्रा को देख कर पहली बार लेखिका के मन में क्या क्या भाव उठे​

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Answered by shishir303
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‘शिवानी’ द्वारा लिखी गई “अपराजिता” कहानी में जब डॉक्टर चंद्रा को लेखिका शिवानी ने पहली बार देखा तो वह डॉक्टर चंद्रा को देखकर अचंभित रह गई क्योंकि डॉक्टर चंद्रा का शरीर का निचला हिस्सा बिल्कुल निषप्राण था अर्थात डॉक्टर चंद्रा का धड़ से नीचे का हिस्सा काम नहीं करता था और वह बैसाखी और व्हीलचेयर के सहारे चलती थी।

डॉक्टक चंद्रा को देखकर लेखिका के मन श्रद्धा के भाव उमड़ पड़े।

जब लेखिका ने डॉक्टर चंद्रा को पहली बार कार से उतरते उतरते देखा तो वह आश्चर्यचकित रह गई। कार का दरवाजा खुला था और उसमें से एक ने अधेड़ महिला ने व्हीलचेयर निकालकर कार के सामने खड़ी कर दी और कार में से एक युवती धीरे-धीरे बैसाखियों के सहारे उतरी और व्हीलचेयर तक पहुंच कर उस पर बैठ गई और व्हीलचेयर को आराम से चलाती हुई अपने घर के अंदर चली गई।

लेखिका को वह युवती का किसी से देवांगना से कम नहीं लगी। वह युवती डॉक्टर चंद्रा थी। एक ऐसी युवती जिसका निचला हिस्सा बेजान है, जो अपने पैरों पर जरा भी नहीं चल सकती, लेकिन उसे अपनी इस विकलांगता पर जरा भी दुख नहीं है, वह उत्साह से भरी है, खुश है, उसके चेहरे पर विषाद की एक रेखा भी नहीं थी। उसकी आंखों में आशाएं जगमगा रहीं थी और उसकी आँखें चमक से भरी हुईं थीं। वह अदम्य साहस से भरी हुई प्रतीत हो रही थी। लेखिका को डॉक्टर चंद्रा किसी देवी से कम नहीं लगी।

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