डॉक्टर और मरीज के बीच संवाद
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Answer:
रोगी : डॉक्टर साहब, मुझे कल रात से हल्का सा बुखार आ रहा है।
डॉक्टर : ठण्ड तो नहीं लग रही है ?
रोगी : थोड़ी ठण्ड भी महसूस हो रही है, परन्तु सारे शरीर में दर्द का लग रहा है।
डॉक्टर : क्या छींके भी आ रही हैं ?
रोगी : सवेरे के समय चार-पांच छींके एक साथ आई थीं।
डॉक्टर : पेट तो खराब नहीं है ?
रोगी : हाँ, डॉक्टर साहब! आज मेरा पेट साफ़ नहीं हुआ है।
डॉक्टर : (पर्चा लिखकर देते हुए) ये दवाइयां ले लो। दो दिन की दवा है। दिन में तीन बार दो-दो गोली चार घंटे के अंतराल से ले लेना। एक गोली रात को सोते समय दूध के साथ ले लेना।
रोगी : क्या कुछ परहेज भी करना है ?
डॉक्टर : ज्यादा तलाभुना खाने से परहेज करना होगा। हल्का खाना जैसे खिचड़ी खा सकते हो।
रोगी : डॉक्टर साहब, कितने पैसे दे दूं ?
डॉक्टर : पचास रूपए।
रोगी : यह लीजिये, धन्यवाद।
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ANSWER-
रोगी- (औषधालय में प्रवेश करते हुए) वैद्यजी, नमस्कार!
वैद्य- नमस्कार! आइए, पधारिए! कहिए, क्या हाल है ?
रोगी- पहले से बहुत अच्छा हूँ। बुखार उतर गया है, केवल खाँसी रह गयी है।
वैद्य- घबराइए नहीं। खाँसी भी दूर हो जायेगी। आज दूसरी दवा देता हूँ। आप जल्द अच्छे हो जायेंगे।
रोगी- आप ठीक कहते हैं। शरीर दुबला हो गया है। चला भी नहीं जाता और बिछावन पर पड़े-पड़े तंग आ गया हूँ।
वैद्य- चिंता की कोई बात नहीं। सुख-दुःख तो लगे ही रहते हैं। कुछ दिन और आराम कीजिए। सब ठीक हो जायेगा।
रोगी- कृपया खाने को बतायें। अब तो थोड़ी-थोड़ी भूख भी लगती है।
वैद्य- फल खूब खाइए। जरा खट्टे फलों से परहेज रखिए, इनसे खाँसी बढ़ जाती है। दूध, खिचड़ी और मूँग की दाल आप खा सकते हैं।
रोगी- बहुत अच्छा! आजकल गर्मी का मौसम है; प्यास बहुत लगती है। क्या शरबत पी सकता हूँ ?
वैद्य- शरबत के स्थान पर दूध अच्छा रहेगा। पानी भी आपको अधिक पीना चाहिए।
रोगी- अच्छा, धन्यवाद! कल फिर आऊँगा।
वैद्य- अच्छा, नमस्कार।
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