. डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू. WWW.) तथा पक्षी और बादल
तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए।
Answers
डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू. WWW.) तथा पक्षी और बादल तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से लेख
डाकिया — आज से समय में भले ही डाकिये की उतनी प्रासंगिकता नही रही हो या आज की नयी पीढ़ी भले ही डाकिेये से उतनी परिचित न रही हो पर एक समय ऐसा था जब डाकिया हर घर में पहचाने वाला चेहरा होता था। हर घर-परिवार से डाकिये के आत्मीय संबंध होते थे। क्योंकि डाकिया पत्रों के रूप में प्रियजनों के संदेश, उनकी कुशल-क्षेम लेकर आता था। आज के समय से कुछ वर्ष पूर्व के समय में इंटरनेट और मोबाइल आदि तो था नही। इसलिये संचार और संपर्क का एकमात्र साधन पत्र ही थे और डाकिया इनके बीच एक सेतु की तरह काम करता था। अपने किसी प्रियजन की चिट्ठी हो या मनीआर्डर इन सबके लिये डाकिया का बेसब्री से इंतजार रहता था। डाकिया केवल सरकारी कर्मचारी न होकर हर घर का मित्र और शुभचिंतक होता था। ‘डाकबाबू आया खुशी का पैगाम लाया’ ये पंक्तियां डाकिये के महत्व को प्रकट करती हैं।
डबल्यू डबल्यू डबल्यू. (www.) — डबल्यू डबल्यू डबल्यू. (www.) वेब अर्थात इंटरनेट आज के विज्ञान के युग की एक अद्भुत खोज है। आज इंटरनेट संचार का सबसे सशक्त माध्यम है। चंद सेकंड में दुनिया के किसी कोने में अपना संदेश पहुंचा सकते हैं। इंटरनेट ने समय और दूरी के बैरियर को तोड़ा है। पल भर में हमारा अपने प्रियजन या मित्र से संपर्क हो जाता है। ई-मेल (e-mail), एसएमएस (SMS), व्हाट्सएप (whatsapp) के माध्यम से लिखित संदेश भेजना आज चिट्ठी की जगह ले चुका है।
पक्षी व बादल — ‘भगवान के डाकिये’ ‘रामधारी सिंह दिनकर’ द्वारा रचित एक कविता है जिसमें कवि ने पक्षी व बादल को भगवान के डाकिये कहा है। पक्षी व बादल भगवान का संदेश लाते हैं वो देश और सीमा का भेद नही करते। उनके संदेश को आमजन पढ़ और समझ भी नही सकते क्योंकि उनके संदेशों को समझने के लिये जिस भाषा की जरूरत होती वो भाषा केवल नदी, पहाड़ और पेड़-पौधे ही पढ़ सकते हैं। इन संदेशों में ईश्वर की तरफ से प्रेम और सद्भाव का संदेश छुपा होता है।
Answer: डाकिया सरकारी नौकर होता है मेहनती ईमानदार और धैर्यवान होता है मौसम की परवाह ना कर के अपने दायित्व को हर संभव निभाता रहता है इंटरनेट सूचना प्रसारण का आधुनिक साधन है जो सूचनाओं की जानकारी देता है और उन्हें प्रेषित भी करता है पक्षी हमारे यहां प्राचीन काल से ही संदेशवाहक के रूप में कार्य करते हुए आए हैं कबूतर तोता के माध्यम से संदेश भेजें और प्राप्त किए जाते थे बादलों के माध्यम से कालिदास तथा अन्य कवियों ने अपने काव्य में पात्रों की संदेश भिजवाने का वर्णन किया है
Explanation: