डाकिया,इंटरनेट तथा पक्षी और बादल पर लेख
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internet:
इंटरनेट (अंतरजाल) विश्व में डिवाइसों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क की वैश्विक प्रणाली है। जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसाय और वैश्विक नेटवर्क के सरकारी नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट में सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ और वर्ल्ड वाइड वेब (डबल्युडबल्युडबल्यु), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफ़ोनी और फ़ाइल साझाकरण के अनुप्रयोग।
birds:
पंख वाले या उड़ने वाले किसी भी जन्तु को पक्षी कहा जाता है। जीव विज्ञान में एविस् श्रेणी के जन्तुओं को पक्षी कहते हैं।इस अण्डा देने वाले रीढ़धारी प्राणी की लगभग १०,००० प्रजातियाँ इस समय इस धरती पर निवास करती हैं। इनका आकार २ इंच से ८ फीट तक हो सकता है तथा ये आर्कटिक से अन्टार्कटिक तक सर्वत्र पाई जाती हैं। पक्षी ऊँचे पहाडों को उड़ कर पार कर जाते हैं। ये गहरे जल में २५० मीटर तक डुबकी लगा लेते हैं। इन्हें ऐसे महासागरों के ऊपर उड़ते देखा गया है जहाँ से तट हजारों किलोमीटर दूर है। इनका शरीर पंखों से ढँका होता है। सभी प्राणियों में पक्षी सबसे अधिक सुन्दर एवं आकर्षक प्राणी हैं। पंख रहते हुए भी कुछ पक्षी उड़ नहीं सकते हैं परन्तु अधिकतर पक्षी आकाश में उड़ते हैं।
इनका सम्पूर्ण शरीर नौकाकार होता है और पंखों से ढँका होता है। शरीर सिर, गर्दन, धड़ और पूँछ में विभक्त रहता है। अग्रपाद डैनों में रूपान्तरित होते हैं। जबड़े चोंच में रूपान्तरित हो जाते हैं जिनमें दाँत नहीं पाये जाते हैं।
clouds:
वायुमण्डल में मौज़ूद जलवाष्प के संघनन से बने जलकणों या हिमकणों की दृश्यमान राशि बादल कहलाती है। मौसम विज्ञान में बादल को उस जल अथवा अन्य रासायनिक तत्वों के मिश्रित द्रव्यमान के रूप में परिभाषित किया जाता है जो द्रव रूप में बूंदों अथवा ठोस रवों के रूप में किसी ब्रह्माण्डीय पिण्ड के वायुमण्डल में दृश्यमान हो।[1] बादल वर्षण (वर्षा और हिमपात इत्यादि) का प्रमुख स्रोत होते हैं।
बादलों का विधिवत वैज्ञानिक अध्ययन मौसम विज्ञान की बादल भौतिकी नामक शाखा में किया जाता है।
डाकिया,इंटरनेट तथा पक्षी और बादल पर लेख |
Explanation:
आज से कुछ समय पहले तक और आज भी किसी भी प्रकार के समाचार सूचना का आदान प्रदान डाकिया लोग करते थे। हालांकि डाकिया से पहले पक्षी जैसे कबूतर को संचार के माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता था ।
कबूतर ऐसे पक्षी थे जो लोगों के संदेश का वाहन का काम करते थे। आधुनिक काल में टेलीफोन और मोबाइल फोन सोमवार के कुछ उत्तम साधन के रूप में प्रयोग में लाए जा रहे हैं। इसी के साथ साथ इंटरनेट लोगों के बीच सूचना के प्रवाह करने के एक अद्भुत जरिए के रूप में उभर रहा है।
जिस प्रकार पक्षी जैसे कबूतर संदेश को बादल में उड़कर लोगों तक पहुंचाता था इसी प्रकार इंटरनेट सूचना का संवहन करता है लेकिन इंटरनेट की प्रणाली हम देख नहीं पाते हैं और यह प्रौद्योगिकी विकास के कारण संभव हो पाया है।
और अधिक जानें:
डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू. WWW.) तथा पक्षी और बादल
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