Hindi, asked by NAMJO, 4 months ago

डॉ. कलाम के जीवन पर भगवदगीता का प्रभाव कैसे पड़ा ?

please answer and don't make irrelevant requests

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Answered by sukhdevsingh60495
2

Answer:

नई दिल्ली। कहते हैं ना व्यक्ति अपने कर्मों से ही महान बनता है.. एपीजे अब्दुल कलाम उन्हीं महान हस्तियों में से एक थे जिन्होंने अपने जीवन पर्यन्त इतने महान काम किये हैं जो कि हमारे देश की आने वाली पीढ़ियों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है। महात्मा गांधी के बाद लोगों के लिए पूज्यनीय बने कलाम के बारे में कहा जाता है कि वे क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे।

इसी कारण उनके व्यक्तित्व के अंदर गीता का ठहराव था तो वहीं वाणी में कुरान की मिठास दिखायी देती थी जिसके चलते वो सबको अपना बना लेते थे। डॉक्टर कलाम अपने व्यक्तिगत जीवन में पूरी तरह अनुशासन, शाकाहार और ब्रह्मचर्य का पालन करते थे जिसकी वजह से ही वो सिर से पांव तक लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत थे।

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Answered by gotulalbhati7
1

Answer:

नई दिल्ली। कहते हैं ना व्यक्ति अपने कर्मों से ही महान बनता है.. एपीजे अब्दुल कलाम उन्हीं महान हस्तियों में से एक थे जिन्होंने अपने जीवन पर्यन्त इतने महान काम किये हैं जो कि हमारे देश की आने वाली पीढ़ियों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है। महात्मा गांधी के बाद लोगों के लिए पूज्यनीय बने कलाम के बारे में कहा जाता है कि वे क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे।

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