Political Science, asked by maahira17, 11 months ago

डॉली और सुधा में इस बात पर चर्चा चल रही थी कि मौजूदा वक्त में संसद कितनी कारगर और प्रभावकारी है। डॉली का मानना था कि भारतीय संसद के कामकाज में गिरावट आयी है। यह गिरावट एकदम साफ दिखती है क्योंकि अब बहस-मुबाहिसे पर समय कम खर्च होता है। और सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने अथवा वॉकआउट (बहिर्गमन) करने में ज्यादा। सुधा का तर्क था कि लोकसभा में अलग-अलग सरकारों ने मुँह की खायी है, धाराशायी हुई हैं। आप सुधा या डॉली के तर्क के पक्ष या विपक्ष में और कौन सा तर्क देंगे?

Answers

Answered by nikitasingh79
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Answer with Explanation:

डॉली का तर्क सबसे उचित है ,जैसे जैसे समय बीतता गया संसद की कार्यवाही में गिरावट आती गई। संसद के कार्य दिवसों की संख्या पहले से कम हुई, इसकी बैठकों में भी कमी आई है, जिसके कारण कई महत्वपूर्ण बिल पास होने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं । सांसद छोटी-छोटी बातों पर वॉकआउट करके संसद का बहुमूल्य समय खराब करते हैं।

सुधा द्वारा दिया गया तर्क भी उचित है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में कई सरकारें बदल गई है,जिसके कारण संसद या सरकार ठीक ढंग से कार्य नहीं कर पाई है।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

आप निम्नलिखित में से किस कथन से सबसे ज्यादा सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण दें।

(क) सांसद/विधायकों को अपनी पसंद की पार्टी में शामिल होने की छूट होनी चाहिए।

(ख) दलबदल विरोधी कानून के कारण पार्टी के नेता का दबदबा पार्टी के सांसद/विधायकों पर बढ़ा है। (ग) दलबदल हमेशा स्वार्थ के लिए होता है और इस कारण जो विधायक/सांसद दूसरे दल में शामिल होना चाहता है उसे आगामी दो वर्षों के लिए मंत्री पद के अयोग्य करार कर दिया जाना चाहिए।

https://brainly.in/question/12135122

आरिफ यह जानना चाहता था कि अगर मंत्री ही अधिकांश महत्त्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत करते हैं और बहुसंख्यक दल अकसर सरकारी विधेयक को पारित कर देता है, तो फिर कानून बनाने की प्रक्रिया में संसद की भूमिका क्या है? आप आरिफ को क्या उत्तर देंगे?

https://brainly.in/question/11843951

Answered by Anonymous
14

CoolestDUDEE

डॉली का बयान संसद की गिरावट के बारे में कुछ हद तक सही है। बहस पर बैठकें और समय व्यतीत करना कम हो गया है। कभी-कभी पार्टियों के बीच व्यवधान के कारण पूरे सत्र को बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया जाता है। इससे संसद के कामकाज में बाधा उत्पन्न हुई है।

लेकिन संसद में अभी भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाता है और अभी भी सर्वोच्च कानून बना हुआ है। हाल ही में बनाए गए महत्वपूर्ण कानूनों में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक्ट, इंस्टैंट ट्रिपल टैलक को आपराधिक करने से संबंधित कानून आदि शामिल हैं। इसी तरह, संसद में अभी भी कई महत्वपूर्ण चर्चाएं की जाती हैं।

इसलिए, हम यह नहीं कह सकते कि संसद का महत्व कम हो गया है फिर भी यह सर्वोच्च कानून बनाने वाली संस्था बनी हुई है।

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