डेल्टा प्लस वैरीयंट के लक्षण कौन-कौन से हैं? इस समय कितने प्रकार के वरियंट गतिशील हैं?
Answers
Answer:
eye sight problem, vomiting, stomach pain
Answer:
कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर का कहर फिलहाल भले ही थम सा गया है, लेकिन तीसरी लहर आने की आशंका ने सबकी चिंता अभी से बढ़ा दी है। कोरोना वायरस के रोज बदलते स्वरूप से सभी परेशान और उलझन की स्थिति में हैं। डेल्टा (Delta Variant) और डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) के बाद लैम्ब्डा वेरिएंट (Lambda Variant) भी मुसीबत बढ़ाने आ रहा है।
दरअसल, कोरोना का नया वेरिएंट लैम्ब्डा मूल रूप से पेरू में खोजा गया था और ब्रिटेन में रिपोर्ट किया गया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, वायरस लगातार म्यूटेट होकर अपना स्वरूप बदल रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि इसके और भी कई वेरिएंट आ सकते हैं। कई बार इसके वेरिएंट आते हैं, मगर बिना नुकसान पहुंचाए गायब हो जाते हैं, मगर कुछ वेरिएंट खतरनाक साबित होते हैं।
यह भी पढ़ें:- दावा: देश में औसतन रोज 69 लाख लोगों को लग रही कोरोना की वैक्सीन, मगर कुछ गड़बड़ी भी आ रही सामने
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण ब्राजिल में लैम्ब्डा वेरिएंट के मामलों की पुष्टि हुई है। मगर ब्रिटेन में यह तेजी से फैल रहा है। यह वेरिएंट कितना गंभीर और संक्रामक हो सकता है तथा वैक्सीन इस पर कितनी कारगर होगी यह पूरी जांच के बाद ही सामने आएगा। ब्रिटेन में पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की मानें तो दो वैक्सीन का डोज लेने के बाद अगर संक्रमित होते भी हैं, तो अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति से बचा जा सकता है।
लैम्ब्डा वेरिएंट पहली बार पेरू में अगस्त 2020 में सामने आया था। तब से अब तक 29 देशों में इसके मिलने की पुष्टि हो चुकी है। विशेषज्ञों का दावा है कि इस तरह के स्पाइक प्रोटीन में कई म्यूटेशन देखे गए हैं। यह इसकी स्वरूप बदलने की क्षमता और योग्यता को बढ़ा देती है। ब्रिटेन में पिछले हफ्ते डेल्टा वेरिएंट के करीब 35 हजार मामले सामने आए। वहीं, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड यानी पीएचई ने इसके अलावा गत 23 फरवरी से 7 जून तक लैम्ब्डा वेरिएंट के छह मामलों की सूचना दी है। पीएचई की मानें तो टीका लगवाने के बाद भी अगर संक्रमित होते हैं, तो अस्पताल में भर्ती होने जैसी स्थिति नहीं होगी। यानी इन वेरिएंट पर टीका काफी हद तक प्रभावी है।