डाल्टन के परमाणु सिद्धांत को लिखिए
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Ans.डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार, “प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना होता है जिन्हें परमाणु कहते हैं और परमाणु को किसी भी भौतिक या रासायनिक विधि से विभाजित नहीं किया जा सकता है।”
पदार्थ (matter) हमेशा से ही वैज्ञानिकों के बीच शोध का अति महत्वपूर्ण विषय रहा है। वैज्ञानिक हमेशा से जानना चाहते थे कि पदार्थ किन मूलभूत कणों से मिलकर बना है। उनके गुण क्या होते हैं। उनका आकार कैसा है।
यही कारण था इस विषय को लेकर अनेक सिद्धांत प्रतिपादित हुए। इन सवालो के हल जानने का पहला प्रयास एक ब्रिटिश अध्यापक जॉन डाल्टन ने सन् 1808 में किया। डाल्टन का परमाणु सिद्धांत द्रव्यमान संरक्षण का नियम (law of mass conservation) और स्थिर अनुपात का नियम (Law of constant proportion) पर आधारित था।
इस सिद्धांत के प्रमुख बिंदु निम्न हैं-
प्रत्येक तत्व अतिसूक्ष्म अविभाज्य कणों से मिलकर बना है जिन्हें परमाणु (atom)कहते हैं।
एक तत्व की सभी परमाणु आकार तथा गुणों में समान होते हैं किंतु भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु भिन्न-भिन्न होते हैं।
भिन्न भिन्न तत्वों के परमाणु के गुण भी भिन्न भिन्न होते हैं।
परमाणु अविनाशी (indestructible) होता है अर्थात रासायनिक अभिक्रिया में परमाणु ना तो उत्पन्न होते हैं और ना ही नष्ट होते हैं।
तत्वों के परमाणु वापस में संयोग करके संयुक्त परमाणु बनाते हैं तथा आधुनिक शब्दों में इस संयुक्त परमाणु को अणु कहते हैं।
बनने वाले संयुक्त परमाणु में परमाणुओं कि आपेक्षिक संख्या और उनका प्रकार निश्चित होता है।
डाल्टन परमाणु सिद्धांत के अनुप्रयोग (applications of dalton’s atomic theory in hindi)
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत पदार्थ की संरचना के मूलभूत विचार को प्रस्तुत करता है। इसके अनुसार परमाणु पदार्थ के निर्माण की सबसे छोटी इकाई है।
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत उस समय तक ज्ञात रासायनिक संयोग के नियम (Law of chemical composition) की अवधारणा को समाहित करता है,जैसे बिंदु (4) द्रव्यमान संरक्षण तथा बिंदु (5) निश्चित अनुपात के नियम को प्रदर्शित करता है।
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत गुणित अनुपात के नियम (Law of multiple proportion) की भी व्याख्या करता है।
यह सिद्धांत भिन्न भिन्न तत्वों के परमाणुओं में विभिन्नता को भी प्रदर्शित करता है।