डांस एंड ड्रेस ऑफ मणिपुर राइट फाइव लाइंस ऑन इट
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मणिपुर अपनी वेश-भूषा और साज-श्रृंगार के लिए विख्यात है। इस नृत्य की वेश भूषा भी बहुत आकर्षक और रंग-बिरंगी होती है। इतने आकर्षक वस्त्र व आभूषण किसी अन्य नृत्य शैली में नही मिलते। इस नृत्य की वेश-भूषा महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ कला की एक नमूना होती नारी पात्रों का जो पहिनावा है, वह बहुत ही मनमोहक एवं सुन्दर होता है। जिसे ‘पटलोई’ कहते हैं। चमकीले साटन अथवा रेशमी कपड़े का ढीला लहंगा होता है जिसे कूमिन कहते हैं । इस पर शीशा एवं जरी की बहुत सुन्दर पच्चिकारी रहती है। इसके ऊपर एक परदर्शक सिल्क होता है। कूमिन को घुटने के पास फुलने के लिए अन्दर से उसमे बाँस की खपच्चियों को गोला कर बांध दिया जाता जिससे यह लहंगा फुला हुआ और गोल रहता गोपियां प्राय:लाल रंग की तथा राधा हरे रंग की वस्त्र पहनती हैं। ऊपर चोली पहनती हैं, जिस पर जरी,रेशम या गोटे से तरह-तरह के बेल-बूटे बने रहते हैं। सिर के बालों को एक गाँठ जैसा बाँधा जाता है। और सिर के पिछले भाग की ओर ऊँचा उठाकर कस दिया जाता है। इस गाँठ के ऊपर चाँदी का एक आभूषण पहना जाता है। बालों के ऊपर एक पारदर्शक वस्त्र ओढ़नी की तरह डाला जाता है जो मुख को भी ढके रहता है। यह अत्यन्त पारदर्शक वस्त्र होने के कारण दर्शकों को मुख के हाव भाव को देखने मे कोई कठिनाई नही होती । उसके मुख और हाँथों को अनेक प्रकार से सजाया जाता है। आँख माथा और कपोल पर चंदन अथवा अन्य रंगों से चित्रकारी की जाती है। काजल, पाउडर तो प्रयोग करते ही हैं, माथे पर एक प्रकार का तिलक लगाया जाता है। हाथ मे आलता, मेंहदी,नाखुन पर नेलपालिश आदि का उपयोग
होता है। बाल कान भूजा और कलाइयों मे, बहुत ही आकर्षक आभूषण धारण किये जाते हैं। गोपियों की भाँति कृष्ण का भी उत्तम श्रृंगार किया जाता है, उन्हे प्राय: जोगिया रंग का वस्त्र पहनाते है। काछ लगी रेशमी मर्दानी धोती तथा ऊपर चोली की तरह बण्डी और मोर पंखियों से बनी मुकुट पहनते हैं। तथा अनेक प्रकार के आभूषण व माला पहनते हैं। कृष्ण के कमर मे चाँदी व शीशे की कमदार पेटी पहनते हैं।
Explanation:
Manipuri dance, also known as Jagoi,[1] is one of the major Indian classical dance forms,[2] named after the region of its origin – Manipur, a state in northeastern India bordering with Myanmar (Burma), Assam, Nagaland and Mizoram.[3][4] It is particularly known for its Hindu Vaishnavism themes, and exquisite performances of love-inspired dance drama of Radha-Krishna called Raslila.[3][1][5] However, the dance is also attributed to regional deities such as Umang Lai during Lai Haraoba.[6][7]