Hindi, asked by dharinimaurya0607, 7 months ago

डायरी के पन्ने , ऐन फ़्रैंक,
लेखिका क्या सुनकर आवक् रह गयी ? क्यों?​

Answers

Answered by prasannajitpradhan
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Explanation:

ऐन फ्रैंक एक पंद्रह बरस की बच्ची थी। हिटलर के नस्लवाद का इन्हें शिकार बनना पड़ा। हिटलर पूरे विश्व से यहूदियों को मिटा देना चाहता था। अतः इसकी शुरूआत उसने जर्मनी से आरंभ की। जैसे ही वह जर्मनी का राष्ट्रपति बना, उसने अपने अत्याचार आरंभ कर दिए। उसे यहूदियों से इतनी नफ़रत थी कि उन्हें मारने के लिए अनेक यातना शिवर बनाए गए। प्राप्त दस्तावेज़ों के आधार पर देखा, जाए तो उसने 60 लाख यहूदियों का नरसंहार किया। यह अब तक का सबसे बड़ा नरसंहार है।

ऐन फ्रेंक ऐसी ही यहूदी परिवार से थी। वह कोई संत या कवि नहीं थी। वह एक साधारण बच्ची थी। उसे हिटलर की यहूदियों से नफ़रत के कारण के बारे में पता नहीं था। वह अकारण उस यातना को झेल रही थी, जिससे वह अनजान थी। उसे विवश होकर दो साल तक छिपकर रहना पड़ा। उसकी यह तड़प, चिंता, परेशान, आतंक उसकी डायरी में हर जगह दिखाई पड़ता है। एक आम-सी बच्ची अपने मन में विद्यमान भय, परेशानी, कमी, व्याकुलता, सपने, इच्छाएँ, दुख- सुख सब एक डायरी में लिखकर संतोष पाती है। इस डायरी को पढ़कर पता चलता है कि किसी मनुष्य की एक बीमार सोच के कारण कितने बेगुनाह लोगों को यातनाएँ झेलनी पड़ती है। इस डायरी में विद्यमान यथार्थ उस समय की भयानकता को कितना सरलता से उकेर देता है, देखते ही बनता है। ऐसा कोई मंजझा हुआ कवि या संत भी नहीं कर पाता। इसमें कल्पना या बनावट नहीं है। इसमें जो है, वह केवल सत्य है। जो एक मासूम-सी बच्ची ने अपनी मासूमियत से उकेरा है। वह अनजाने में ऐसे हज़ारों लोगों का प्रतिनिधित्व करने लगती है, जो उसी के समान इस यातना को झेल रहे हैं।

Answered by anirudhthakursingh20
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Answer:

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