डायरी की उपयोगिता पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए
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दैनिक जीवन में घटने वाली घटनाओं को स्थायी स्वरूप प्रदान करने का कार्य डायरी का है । डायरी में प्रतिदिन घटने वाली घटनाओं में से प्रमुख या विशेष रूप से प्रभावित करने वाली घटना को ही लिखा जाता है । डायरी आत्माभीव्यक्ति का उत्तम साधन है । जो बात हम किसी से नहीं कह सकते, उसे डायरी में लिख कर अपने मन का बोझ हल्का कर सकते हैं। यह एक साथ श्रेष्ठ मित्र , भाई तथा आदर्श अभिभावक हैं। वर्तमान काल में लिखी गई उत्कृष्ट डायरी भविष्य का साहित्य बन जाती है। यह मार्गदर्शक होती है। जो भविष्य की राह दिखाती है । डायरी लेखन असाधारण कार्य है। यह प्रतिदिन के कार्यों में हमें नियमित रहना सिखाता है । डायरी लेखन से ना केवल आत्माभीव्यक्ति की क्षमता का विस्तार होता है , बल्कि यह व्यक्तित्व के विकास में भी सहायक है। विद्यार्थियों के लिए तो यह विशेष उपयोगी है , इससे छात्रों में चिंतन - मनन और स्वयं को परखने की क्षमता विकसित होती है । चरित्र निर्माण में भी यह सहायक होती है ।यही कारण है कि संसार भर के अधिकांश महापुरुष अपने जीवन में डायरी लिखते रहे हैं - महात्मा गांधी , पंडित जवाहरलाल नेहरू , ऐनी फ्रैंक एवं जॉर्ज वाशिंगटन जैसे महापुरुषों के जीवन चरित्र का आधार उनके डायरियां ही बनी। जिनसे उनके जीवन के अनेक तथ्य उजागर हुए ।
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हमारे जीवन में अनेक प्रकार की घटनाएँ निरंतर घटित होती रहती हैं जो हमारे मानस पर अपनी छाप छोड़ जाती हैं, परंतु घटनाक्रम समय के साथ विस्मृत हो जाता है। इन घटनाओं को स्थायी स्वरूप प्रदान करने का कार्य डायरी करती है। डायरी आत्माभिव्यक्ति का उत्तम साधन है।
अपने दैनिक जीवन की घटनाओं का संक्षिप्त व प्रभावशाली वर्णन डायरी की विशिष्टता है। डायरी एक उत्तम मित्र, सगा भाई तथा आदर्श अभिभावक है। इसमें लिखे अपने अनुभव इसे विशिष्ट रूप प्रदान करते हैं। वर्तमान काल में लिखी गई उत्कृष्ट डायरी भविष्य का साहित्य बन जाती है। इतिहास साक्षी है कि महापुरुषों की डायरी में अंकित अनुभव ही अनेक जीवनचरित्रों, जीवनियों, आत्मकथाओं व विभिन्न साहित्यिक विधाओं की विषय-सामग्री बने।
डायरी साहित्य की उत्कृष्ट विधा भी है। साधारण जीवन में भी डायरी की अनेक उपयोगिताएँ हैं। जिस व्यक्ति में सत्यभाषण का साहस है, वही व्यक्ति डायरी लिखने का साहस रखता है। सामान्य जीवन में कभी-कभी ऐसे कार्य भी हो जाते हैं जिनसे समाज में निंदा का पात्र बनना पड़ता है। यदि इस प्रकार के कार्य डायरी में अंकित हो जाएँ तो वे सदा भविष्य में हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे तथा हम उन गलतियों को दोहराकर फिर स्वयं अपनी ही नजरों में गिरना नहीं चाहेंगे।
डायरी एक पथप्रदर्शक व शिक्षक का कार्य करती है। जब व्यक्ति अपनी डायरी को पढ़ता है तो वह अपने क्रियाकलापों का आत्मविश्लेषण करता है। इस प्रकार का मंथन उसे भविष्य के प्रति उचित दिशा दिखाता। है। व्यक्ति केवल दूसरों से ही नहीं सीखता अपितु स्वयं का जीवन भी उसके भविष्य की राह निर्धारित करता है। मनुष्य में आत्मालोचना व आत्मपरिष्कार की भावना बलवती होती है तथा सुनहरे भविष्य की नींव इस पर स्थायी स्वरूप ग्रहण करती है।
डायरी में लिखे अनुभव न केवल भविष्य की सीख देते हैं अपितु उन्हें लेखनीबद्ध कर आत्मा का परिष्कार होता है। मन को अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है तथा सभी प्रकार के तनावों से मुक्ति मिल जाती है। डायरी जीवन का सच्चा लेखा-जोखा रखती है। जीवनभर की घटनाओं में से कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जिन्हें मनुष्य विस्मृत नहीं करना चाहता, परंतु उन्हें दोहराना भी नहीं चाहता। ऐसी घटनाएँ जब लेखनीबद्ध हो जाती है। तब वे कुछ क्षण के लिए तो, स्वयं को अपने ही सम्मुख लज्जित करती। हैं। किंतु बाद में, वे ही घटनाएँ हमारी प्रेरक बन हमें भविष्य में समाज के सम्मुख लज्जित होने से रोकती भी हैं।