डायरी लेखन टिड्डी दल का अनुभव
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☘︎बीते वर्ष टिड्डी दल के आक्रमण से फसलों को काफी नुकसान हुआ था। अब एक बार फिर टिड्डी दल का खतरा मंडराने लगा है। इसे लेकर मथुरा और मैनपुरी जिले में कृषि विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। ☁︎
☘︎सैकड़ों किसानों की हजारों एकड़ में खड़ी फसल इन टिड्डियों के निशाने पर हैं। किसानों में इनके खौफ का आलम ये है कि हिंदुस्तान के बॉर्डर इलाके में सनसनी मची हुई है। इनके हवाई आक्रमण से किसानों में कोहराम मचा हुआ है। दरअसल सीमा पार से हिंदुस्तान आए ये टिड्डी दल जहां भी जाते हैं, उस इलाके को वीरान बना देते हैं। लहलहाती फसलों को चट्ट कर जाते हैं। सामने जो कुछ भी हरा-भरा दिखता है, उसका नाम-ओ-निशान तक मिटा देते हैं, इसीलिए इनकी मौजूदगी से सरहदी गांवों में बसे किसान हलकान हैं, प्रशासन परेशान है और इनसे पार पाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।☁︎
☘︎इस टिड्डी दल के आक्रमण ने राजस्थान के सरहदी जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर के साथ ही जालोर और सिरोही में खड़ी फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। वहीं गुजरात के सरहदी इलाकों में भी फसलों को चौपट कर दिया है। प्रत्येक क्षेत्र में चाहे सिंचित भूमि हो या नहरी क्षेत्र, सभी तरफ टिड्डी दल किसानों के जी का जंजाल बने हुए हैं। वहीं, प्रशासन खड़ी फसलों पर छिडक़ाव करने से बच रहा है। इसी वजह से टिड्डियों के दल किसानों की फसल पर हावी हो रहे हैं। खेतों में जीरा, इसबगोल, सरसों, अरंडी और गेहूं की खड़ी फसल के ऊपर से टिड्डियों ने पत्तियों को चट्ट कर दिया है। ☁︎
☘︎जिला कृषि अधिकारी डॉ. गगनदीप सिंह ने कहा कि शासन ने टिड्डी को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके लिए पहले ही सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करने के लिए कहा गया है। विभाग पूरी तरह तैयार है, किसानों को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है।☁︎