dadi maa ka Pariwar summary
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दादी मॉं थीं-समझदार, सयानी । घर के आँगन में बरगद का पेड़ था । उसपर घोंसला बना था । घोंसले में रहती थी चिड़िया । वह दादी मॉं की थी संगिया । चिड़िया का नाम था नीलू । सुबह उठ दादी आँगन बुहारतीं । नीलू फुदकती-चिंचिंयाती । दादी मॉं से बतियाती ।
एक और थी दादी मॉं की साथिन-चिंकी चुहिया। पेड़ के नीचे बि ल बनाकर रहती । दिन भर घर में उसकी दौड़ लगती । यह थी दादी मॉं की दीन-दुनिया । दादी मॉं, चिड़ि या और चुहिया । वे सब यदि होतीं खुश, तो दादी मॉं भी रहतीं खुश । दादी मॉं हुईं कभी दुखी तो वे भी नहीं रहती थी सुखी ।
ठंडी के दिन थे । उन्हीं दिनों नीलू चिड़िया ने अंडे दिए । उनमें से निकले दो बच्चे । नन्हे, सुंदर, अच्छे – अच्छे । टीनू-मीनू नाम नि काला । सबने मि लकर पोसा-पाला । चिंकी को दो बेटों के उपहार मिले । चुसकू-मुसकू थे बड़े भले । दादी मॉं उनका खयाल रखतीं । उनसे मन बहलातीं । स्नेह-प्यार से वह दुलारतीं । रोने लगते तो पुचकारतीं । चारों बच्चे घर- आँगन में दौड़ लगाते । हँसते-खेलते और खाते-गाते ।
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Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 3 - Daadi Maa Ka Parivaar
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Exercise/Page
Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 3 - Daadi Maa Ka Parivaar Page/Excercise प्रश्न-अभ्यास
Solution 1
घर के आँगन में बरगद का पेड़ था।
चिंकी ने भी दो बेटों का उपहार दिया।
टीनू-मीनू, चुसकू-मुसकू खेलने लगे।
एक साथ उड़ने को रहेंगे तैयार।
Solution 2
चिड़िया दादी माँ के घर के आँगन में बरगद के पेड़ पर घोंसला बनाकर रहती थी।
Solution 3
सारे पक्षी जब जाल उड़ाकर ले गए तब बहेलिया ठगा सा रह गया।
Solution 4
सुबह उठकर दादी माँ सबसे पहले आँगन बुहारती और संवारती। आँगन में आसन धरतीं, खाना बनातीं और खातीं। और अपने परिवारजनों से बतियाती।
Solution 5
चुसुकू-मुसकू ने अपने पैने दाँतों से जाल काटा।
Solution 6
चिड़िया का नाम नीलू था।
दादी माँ उन्हें झगड़ों, टंटों और आपस में न लड़ने के लिए समझाती थी।
चिड़ियाँ बहेलिए के जाल में फँस गईं थीं।
Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 3 - Daadi Maa Ka Parivaar Page/Excercise भाषा की ओर
Solution 1
थैलियाँ - थैली : प्लास्टिक की थैली वातावरण को दूषित करती है।
पंखा - पंखें : मेरे घर में चार पंखें हैं।
दीवार - दीवारें : किले की दीवारें मजबूत थीं।
राजा - राजा : राजा को प्रजा वत्सल होना चाहिए।
वस्तुएँ - वस्तु : आपके हाथ में ये कौन-सी वस्तु है?
भेड़िया - भेड़िए : शिकार देखकर भेड़िए आक्रामक हो गए।
बहू - बहुएँ : शर्माजी की बहुएँ बड़ी मेलजोल से रहती है।
रोटी - रोटियाँ : आज की रोटियाँ बड़ी ही मुलायम बनीं हैं।
Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 3 - Daadi Maa Ka Parivaar Page/Excercise जरा सोचो ..... बताओ
Solution 1
हमारे प्राकृतिक संसाधनों में जल और वन सबसे विशिष्ट स्थान रखते हैं। इन दोनों के बिना मानव जीवन और मानव विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जल के बिना तो वनों का भी विनाश हो जाएगा क्योंकि पेड़-पौधों को भी पनपने के लिए जल की आवश्यकता होती है। प्रातः काल उठने से लेकर रात्रि तक अनेक रोजमर्रा के कार्यों के लिए हमें जल की आवश्यकता होती है। यदि ये जल ही नहीं रहा तो अनाज किस प्रकार से होगा? हम रोजमर्रा के कार्य कैसे कर पाएँगे? और इस प्रकार यदि जल ही न रहा तो धरती की सारी प्रजातियाँ विलुप्ति की कगार पर पहुँच जाएगी। उसी प्रकार वनों का भी हमारे जीवन में बड़ा ही अहम् स्थान है। वन न केवल हमारे पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं अपितु प्राणिजगत तो वनों द्वारा दी गई
प्राणदायिनी वायु के कारण ही जीवित रहता है। वनों द्वारा हमें जरुरत की अनेक सामग्रियाँ प्राप्त होती हैं। यदि ये ही नहीं रहे तो प्राणी जगत का विकास कैसे संभव होगा।
Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 3 - Daadi Maa Ka Parivaar Page/Excercise मेरी कलम से
Solution 1
सौरभ की ममेरी बहन राखी कई दिनों से बीमार थी। दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे। सौरभ रोज अपनी बहन से मिलने जाता और जो भी उस दिन कक्षा में पढ़ाया होता वह राखी को समझा आता। उस दिन भी सौरभ राखी से मिलने रोज की तरह शाम को निकला बस कुछ दूरी पर पहुँचा ही था कि बरसात की बूंदाबादी शुरू हो गई। सौरभ के हाथ में पुस्तकें होने के कारण वह पास ही एक टीन की छत का आसरा लेकर खड़ा हो गया। सौरभ को अपने पैरों के पास कुछ महसूस हुआ नीचे देखा तो एक नन्हीं प्यारी बिल्ली दुबकी पड़ी थी। सौरभ को उस पर दया आ गई और बरसात के रुकते ही वह बिल्ली को राखी के घर ले आया। राखी, बिल्ली को देखकर खुशी के मारे उछल पड़ी और सौरभ से बिल्ली को उसके पास रखने की मिन्नतें करने लगी। सौरभ में भी खुशी-खुशी प्यारी बिल्ली अपनी बहन को दे दी।