Dadi Maa path ke ant Mein Kishan bhaiya ke Patra lekhak ko kya Pata Chala
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‘दादी माँ’ कहानी ‘शिवप्रसाद सिंह’ द्वारा लिखित एक कहानी है। इस कहानी में लेखक ने अपनी दादी माँ के का चित्रण किया है, और बचपन में उनके साथ बिताये गये समय का कहानी में वर्णन किया है।
दादी माँ पाठ के अंत में लेखक को किशन भैया के पत्र से दादी माँ की मृत्यु का पता चलता है।
लेखक को सहज ही विश्वास नही होता कि सचमुच दादी माँ उनके बीच नही रहीं। लेखक की आँखों के सामने दादी माँ की धुंधली सी छवि नाच उठती है और लेखक की स्मृति में दादी माँ से जुड़ी यादे सजीव हो उठती हैं। लेखक को बचपन की वो यादे ताजा हो उठती हैं कि कैसे दादी माँ उसकी दिन-रात सेवा करती थीं। लेखक के प्रति अटूट स्नेह भाव रखती थीं, और उसकी गलतियों पर पर्दा डालकर अक्सर उसे बचा लेती थीं। लेखक को अपनी दादी माँ के परोपकारी और सरल स्वभाव की याद आ जाती है।
Answer:
Dadi Maa path ke ant Mein Kishan bhaiya ke Patra lekhak ko kya Pata Chala .
Explanation:
दादी माँ पाठ के अंत में लेखक को किशन भैया के पत्र से दादी माँ की मृत्यु का पता चलता है। लेखक को सहज ही विश्वास नही होता कि सचमुच दादी माँ उनके बीच नही रहीं। ... लेखक के प्रति अटूट स्नेह भाव रखती थीं, और उसकी गलतियों पर पर्दा डालकर अक्सर उसे बचा लेती थीं। लेखक को अपनी दादी माँ के परोपकारी और सरल स्वभाव की याद आ जाती है।
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