Dahej Ek abhishap in Hindi essay
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Answer:
❤️❤️अभिशाप
भूमिका:-> भारत एक रीति रिवाजों और परंपराओं का देश है यहां पर बहुत से रीति रिवाज और परंपराएं प्राचीन काल से चली आ रही हैं। जैसे जैसे समय बीतता है वैसे वैसे परंपराएं भी परिवर्तित होती रहती हैं और एक सामाजिक बुराई का रूप ले लेती है I उनमें से ही एक है दहेज प्रथा। जब लड़की की शादी होती है, तो माता पिता अपनी पुत्री को भेंट के रूप में कुछ ना कुछ जरूर देते हैं और आज यह देने की परंपरा ही एक बुराई और समाज के लिए अभिशाप बन गई है।
दहेज के कारण कन्या को बोझ मानना:-> जब लड़के वालों की तरफ से अपनी इच्छा अनुसार दहेज मांगा जाता है तो मां-बाप बालों के लिए बोझ बन जाता है I इसी परिणाम स्वरूप कई जगह तो ऐसा भी हो रहा है कि लोग घर में लड़की को पैदा होते ही मार दिया करते थे I जब घर पर लड़की पैदा होती तो पूरा परिवार शोक में डूब जाता था, जब लड़का पैदा होता तो घर में खुशियां ही खुशियां मनाई जाती थी। लड़की के पिता को दहेज देने की चिंता उसके पैदा होते ही शुरू हो जाती है, जिसके कारण अनेक बुराइयों का जन्म होता था वह दहेज की मांग को पूरा करने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपनाते थे। जब मेहनत से पूरा काम नहीं बनता तो बेमानी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, मिलावट ,कालाबाजारी ,चोर बाजारी, जमाखोरी, तस्करी इत्यादि अनेक सामाजिक बुराइयों ने भी जन्म लिया।
दहेज के कारण घटने वाली घटनाएं:-> आए दिन हम कई समाचार सुनते हैं कि दहेज ना देने पर ससुराल वालों ने लड़की को जिंदा जला दिया उसकी हत्या कर दी। मां बाप ने दहेज ना देने के कारण आत्महत्या कर ली और भी ना जाने दहेज प्रथा के कारण कितने ही बुराइयां और अत्याचार होते रहे हैं।
भारत में दहेज के विरुद्ध नियम:-भारत में दहेज मांगना एक कानूनी तौर पर अपराध है । दहेज मांगने वालों को कानूनी तौर पर सजा दी जाती है लेकिन यह प्रक्रिया काफी लंबी और पेचीदा रही है। लिंग कि जांच करवाना एक कानूनी जुर्म हैं I
उपसंहार:-> इस दहेज रूपी दानव का अंत तभी होगा जब सभी लड़के लड़कियां शिक्षित होंगे लड़कों में अच्छे संस्कार होने चाहिए तभी एक सभ्य समाज का निर्माण हो सकता है I दहेज एक सामाजिक बुराई है इसे हम सबको मिलकर के ही दूर करना होगा।❤️❤️
Explanation:
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दहेज़ प्रथा”- एक अभिशाप
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भूमिका:-> भारत एक रीति रिवाजों और परंपराओं का देश है यहां पर बहुत से रीति रिवाज और परंपराएं प्राचीन काल से चली आ रही हैं। जैसे जैसे समय बीतता है वैसे वैसे परंपराएं भी परिवर्तित होती रहती हैं और एक सामाजिक बुराई का रूप ले लेती है I उनमें से ही एक है दहेज प्रथा। जब लड़की की शादी होती है, तो माता पिता अपनी पुत्री को भेंट के रूप में कुछ ना कुछ जरूर देते हैं और आज यह देने की परंपरा ही एक बुराई और समाज के लिए अभिशाप बन गई है।
दहेज के कारण कन्या को बोझ मानना:-> जब लड़के वालों की तरफ से अपनी इच्छा अनुसार दहेज मांगा जाता है तो मां-बाप बालों के लिए बोझ बन जाता है I इसी परिणाम स्वरूप कई जगह तो ऐसा भी हो रहा है कि लोग घर में लड़की को पैदा होते ही मार दिया करते थे I जब घर पर लड़की पैदा होती तो पूरा परिवार शोक में डूब जाता है I इसी परिणाम स्वरूप कई जगह तो ऐसा भी हो रहा है कि लोग घर में लड़की को पैदा होते ही मार दिया करते थे I जब घर पर लड़की पैदा होती तो पूरा परिवार शोक में डूब जाता था, जब लड़का पैदा होता तो घर में खुशियां ही खुशियां मनाई जाती थी। लड़की के पिता को दहेज देने की चिंता उसके पैदा होते ही शुरू हो जाती है, जिसके कारण अनेक बुराइयों का जन्म होता था वह दहेज की मांग को पूरा करने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपनाते थे। जब मेहनत से पूरा काम नहीं बनता तो बेमानी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, मिलावट ,कालाबाजारी ,चोर बाजारी, जमाखोरी, तस्करी इत्यादि अनेक सामाजिक बुराइयों ने भी जन्म लिया।
दहेज के कारण घटने वाली घटनाएं:-> आए दिन हम कई समाचार सुनते हैं कि दहेज ना देने पर ससुराल वालों ने लड़की को जिंदा जला दिया उसकी हत्या कर दी। मां बाप ने दहेज ना देने के कारण आत्महत्या कर ली और भी ना जाने दहेज प्रथा के कारण कितने ही बुराइयां और अत्याचार होते रहे हैं।
भारत में दहेज के विरुद्ध नियम:-भारत में दहेज मांगना एक कानूनी तौर पर अपराध है । दहेज मांगने वालों को कानूनी तौर पर सजा दी जाती है लेकिन यह प्रक्रिया काफी लंबी और पेचीदा रही है। लिंग कि जांच करवाना एक कानूनी जुर्म हैं I
उपसंहार:-> इस दहेज रूपी दानव का अंत तभी होगा जब सभी लड़के लड़कियां शिक्षित होंगे लड़कों में अच्छे संस्कार होने चाहिए तभी एक सभ्य समाज का निर्माण हो सकता है I दहेज एक सामाजिक बुराई है इसे हम सबको मिलकर के ही दूर करना होगा।