Hindi, asked by gagantandekar0923, 7 months ago

Dainik Jeevan ke bare mein nibandh​

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Answered by AmitBhatt95
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मेरा दैनिक जीवन साधारण सा है और श्याद आप जैसे बहुत से लोग मेरे दैनिक जीवन से जुड़ पाएंगे। मुझे ज़िन्दगी में हमेशा कुछ नया सीखना और जानना बेहद पसंद है। मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ। हर दिन सुबह सात बजे में अलार्म की घंटी बजते ही उठ जाती हूँ। सर्वप्रथम अपने शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए मैं योग करती हूँ। इससे मानसिक और शारीरिक दोनों का समान रूप से विकास होता है। योग करने से आपके मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है | सुबह उठकर पौधों को पानी देना और उनकी देखभाल करना मुझे पसंद है। पौधों के घर पर होने से वातावरण शुद्ध रहता है।सुबह उठकर नहा धोकर तैयार होने के बाद अखबार पढ़ना मेरे लिए ज़रूरी है। अखबार पढ़ने से रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में होने वाली अच्छी -बुरी घटनाएं पता लग जाती है और साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के विषय में मुझे जानकारी मिलती है। नाश्ता करते वक़्त अपने परिवार के साथ दैनिक जीवन की खट्टी -मीठी बातें होती है। प्रातःकाल परिवार के साथ वक़्त बिताना और उनसे सकारात्मक बातें करके दिन और बेहतर हो जाता है।

उसके बाद परिवार संग नाश्ता करके , मैं अपने नोट्स के अध्ययन में लग जाती हूँ। मैं दो घंटे अपनी पढ़ाई पूरी करने के पश्चात, तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल जाती हूँ। मैं पूरा प्रयास करती हूँ कि मैं एक अनुशासित जीवन यापन कर सकूँ। किताबे पढ़ने का बेहद शौक है , इसलिए कॉलेज जाते ही सर्वप्रथम मैं पुस्तकालय जाती हूँ। वहाँ पहुँचकर किताबे वापस करती हूँ और पुनः पुस्तकों का चयन कर लेती हूँ। कुछ साथी जब कॉलेज पहुँचते है , तो सेमेस्टर की तैयारी और नोट्स के बारे में बातें होती है। हम ब्रेक टाइम में यह भी चर्चा करते है , भविष्य में हमारे लिए कौन सा बेहतरीन करियर विकल्प हो सकता है।

कॉलेज के शिक्षक गम्भीरतापूर्वक और रोचक ढंग से पढ़ाते है। वह विज्ञान को व्यवहारिक ज्ञान से जोड़कर पढ़ाते है। गंभीर विषयो को सरल तरीके से समझाते है और समझ ना आने पर अतिरिक्त कक्षा का आयोजन करते है। विज्ञान के प्रैक्टिकल क्लास मुझे बेहद पसंद है। रासायनिक विज्ञान और जीव विज्ञान की कक्षाएं मुझे ज़्यादा पसंद है। चाहे कितनी भी देर हो , मैं अपना प्रैक्टिकल सेशन समाप्त करती हूँ और अपने साथियों की ज़रूरत पढ़ने पर सहायता करती हूँ।

कक्षाओं के बीच में जब ब्रेक होता है , मैं सहपाठियों के संग मज़े करते है। हम मित्रों के साथ अंतराल के वक़्त ऐसे बात करते है जैसे सदियों से बात ना की हो। कॉलेज चार बजे तक ख़त्म करके , मैं बस पकड़ कर अपने गंतव्य स्थान यानी घर की ओर चल पड़ती हूँ। रास्ते पर अगर गोल गप्पे की चाट देख लूँ , तब बस से उतरकर खा लेती हूँ क्यों कि मैं अपने आपको रोक नहीं पाती और एक चाट की प्लेट खा लेती हूँ। । घर आकर अपने परिवार के संग गरम चाय की प्याली का आनंद ही कुछ और होता है। हम एक साथ बैठकर कभी टोस्ट तो कभी फुल्के चाय के साथ खाते हैसबका अपना दैनिक जीवन है। मुझे परिवार के साथ वक़्त बिताना बेहद अच्छा लगता है। ज़िन्दगी बेहद छोटी है , हमे हमेशा ज़िन्दगी में हर प्रकार के कार्य करने के लिए उत्सुक रहना चाहिए। मेरी कोशिश भी वही है और आँखों में कई सपने है ,साथ ही सपनो को पूर्ण करने का जज़्बा है। सही दिशा में परिश्रम करके ,अपनी मंज़िल को पाना है। अपने दैनिक जीवन में छोटी- छोटी खुशियों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। हमे अच्छे काम करने के साथ दूसरो के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

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