Dakshin Bharat ke vashnav mat ke pracharak kon the
Answers
Answer:
दक्षिण भारत में वैष्णव मत के प्रचारक कौन थे?
सही जवाब है...
अलवार
स्पष्टीकरण:
दक्षिण भारत में वैष्णव मत का प्रचार करने वाले संत आलवार थे। अलवर किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं बल्कि यह एक उपाधि है, जो नारायण अर्थात विष्णु भगवान की उपासना करने वाले भक्तों को कहा जाता है। दक्षिण भारत में 12 आलवार संत हुए हैं। अलवार संतों ने वैष्णव मत का दक्षिण भारत ने प्रचार किया है। आलवार संत मुख्य रूप से भगवान विष्णु की ही उपासना करते थे। आलवार का तमिल भाषा में अर्थ होता है, भगवान में डूबा हुआ है। इस तरह ये संत विष्णु भगवान की भक्ति में डूबे रहते थे।
Explanation:
दक्षिण भारत में द्रविड़ लोगों में भक्ति -परंपरा का सूत्रपात ईसा से कई शताब्दी पहले ही हो चुका था | भक्ति भावना मूलतः दक्षिण भारत में उत्पन्न हुई | इस संबंध में कहा गया है कि "भक्ति द्राविड़ी उपजी लाए रामानंद |" दक्षिण में आलवार/अलवार भक्तों की परंपरा सातवीं शती से बराबर चली आ रही थी | अलवार वस्तुतः वैष्णवों का तमिल नाम है | शैवों को वहा "नायनमार/नयनार " कहा जाता है |अलवारों ने वेद उपनिषद एवं गीता से विचार ग्रहण किए और पद शैली में गीत लिखे जो अत्यंत भावपूर्ण तमिल भाषा में लिखे गए हैं | अलवार भक्तों की संख्या बारह मानी गई है तथा इनके पदों का संकलन "दिव्यप्रबंधम्" नाम से किया गया है जिसमें लगभग चार हजार पद है।