Hindi, asked by Dhairya1111, 1 year ago

Das vachya ke udaharan

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Answered by kvnmurty
39
वाच्य के तीन भेद  हैं  ।   वे हैं कर्तृ वाच्य , कर्म वाच्य और  भाव वाच्य । 

कर्तृ वाच्य में  कर्ता प्रधान होता है ।
क्रिया के लिंग और वचन कर्ता के अनुसार होते हैं  । 
कर्म वाच्य में क्रिया वाक्य के कर्म के अनुसार होती है। भाव वाच्य में क्रिया भाव से मतलब रखती  है । 

उदाहरण:

कर्तृ वाच्य:  मूर्ति ब्राइनली पर कम करता है।
                 मूर्ति  नाच रहा है।

कर्म वाच्य:  मूर्ति  से पौधें सींचे रहे  हैं । 
                 यह किताब मूझसे लिखी गयी । 

भाव  वाच्य :    मूझसे  काष्ठ देखी नहीं जाते । 
                अब और   दौड़ा   नहीं  जाता  । 

kvnmurty: :-)
Answered by Anonymous
41

Answer:

वाच्य

क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया के व्यापार का मुख्य विषय करता है या कर्म है या भाव है , तो उसे वाच्य कहते हैं

वाच्य के तीन भेद होते हैं:-

  1. कृत्यवाच्य
  2. कर्मवाच्य
  3. भाववाच्य

) कृतवाच्य :- जिन वाक्यों में कर्ता प्रधान होता है , वह कृत्य वाच्य होते हैं । इन वाक्यों में क्रिया का सीधा संबंध कर्ता के साथ होता है । क्रिया में लिंग , वचन तथा काल का प्रयोग कर्ता के अनुसार होता है ।

जैसे

  • स्वाति लूडो खेलती है।
  • रमेश पुस्तक पढ़ता है।
  • अनुराधा ने पत्र लिखा।
  • शिक्षिका ने निबंध लिखवाया।
  • चाचा जी ने अतिथि का स्वागत किया।

). कर्मवाच्य जिन वाक्यों में कर्म प्रधान होता है वह कर्मवाच्य होते हैं इन वाक्यों में क्रिया का सीधा संबंध कर्म से होता है और लिंग वचन पुरुष आदि का प्रयोग कर्म के अनुसार होता है कर्मवाच्य में क्रिया कर्म के अनुसार होती हैं

जैसे

  • दादा जी द्वारा कहानी सुनाई गई ।
  • हलबाई के द्वारा जलेबी बनाई जाती है।
  • मनीष द्वारा कविता लिखी गई।
  • अध्यापिका द्वारा छात्रों को कापिया दी गई।
  • लडको द्वारा पतंग उड़ाई जा रही है।

). भाववाच्य जिन वाक्यों में कार्य का तथा कर्म दोनों की प्रधानता ना होकर भाव की प्रधानता होती है । वह भाववाचक कहलाते हैं ‌। इन वाक्यों में क्रिया में वचन तथा काल का प्रयोग भाव के अनुसार होता है ।

जैसे

  • छात्रों से पढ़ा जाता है।
  • अभिनेत्री द्वारा तैयार हुआ जाता है।
  • दादा जी से चला नहीं जाता।
  • सीमा से बोला नहीं गया।
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