Math, asked by sinhareshmi8, 5 hours ago

Dasmalav sankhya saat hajar ka

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Answered by manishajadhao251
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दशमलव पद्धति या दाशमिक संख्या पद्धति या दशाधार संख्या पद्धति (decimal system, "base ten" or "denary") वह संख्या पद्धति है जिसमें गिनती/गणना के लिये कुल दस अंकों या 'दस संकेतों' (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) का सहारा लिया जाता है। यह मानव द्वारा सर्वाधिक प्रयुक्त संख्यापद्धति है।

उदाहरण के लिये 645.7 दशमलव पद्धति में लिखी एक संख्या है।

{\displaystyle 6\cdot 10^{2}+4\cdot 10^{1}+5\cdot 10^{0}+7\cdot 10^{-1}=600+40+5+0,7=645{,}7}{\displaystyle 6\cdot 10^{2}+4\cdot 10^{1}+5\cdot 10^{0}+7\cdot 10^{-1}=600+40+5+0,7=645{,}7}

(गलतफहमी से बचने के लिये यहाँ दशमलव बिन्दु के स्थान पर 'कॉमा' का प्रयोग किया गया है।)

इस पद्धति की सफलता के बहुत से कारण हैं-

किसी भी संख्या को निरूपित करने के लिये केवल दस संकेतों का प्रयोग - दस संकेत न इतने अधिक हैं कि याद न किये जा सकें और न इतने कम हैं कि बड़ी संख्याओं को लिखने के लिये संकेतों को बहुत बार उपयोग करना पड़े। (उदाहरण के लिये 255 को बाइनरी संख्या पद्धति में लिखने के लिये आठ अंकों की जरूरत होगी ; 255 = 11111111)

दस का अंक मानव के लिये अत्यन्त परिचित हैं - हाथों में कुल दस अंगुलियाँ है; पैरों में भी दस अंगुलियाँ हैं।

Step-by-step explanation:

don't know the answer sorry

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