Hindi, asked by tanwaniriya0, 3 months ago

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साहित्य की तरह cinema भी समाज का आईना hota
है आप इस बात से कहा तक सहमत है, जब सिनेमा
बोलता
पाठ को पढकर इस प्रश्न का विस्तार से
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Answered by shishir303
7

          साहित्य की तरह सिनेमा भी समाज का आईना होता है

साहित्य की तरह सिनेमा भी समाज का आईना होता है, इस बात से पूरी तरह सहमत हुआ जा सकता है। भारतीय सिनेमा में अक्सर समाज की तत्कालीन परिस्थितियों को दर्शाती फिल्में बनती रही हैं। दर्शक वही सिनेमा देखना पसंद करता है, जो उसे उसके जीवन से जोड़ता हो और सिनेमा के निर्माता-निर्देशक तथ्य को भलीभांति जानते रहे हैं। इस कारण वह हमेशा ऐसे विषयों आदि को चुनते रहे, जो समाज की तत्कालीन परिस्थितियों और घटनाओं को प्रस्तुत रही हैं।

सामाजिक सरोकारों  अनेक फिल्में बनी हैं जो हमारे समाज का आईना प्रस्तुत करती रही हैं। समय-समय के साथ जैसे-जैसे समाज में परिवर्तन आ गया आता गया वैसे-वैसे सिनेमा में परिवर्तन आता गया। सिनेमा में नाटकीय अंदाज में जो कहानी कही जाती है, उसका दर्शन की मनोस्थिति पर गहराई तक प्रभाव पड़ता है। दर्शक सिनेमा से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं, और सिनेमा के माध्यम से कोई अच्छा संदेश दिया जा सकता है, और ऐसा होता भी रहा है। अतः स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि सिनेमा समाज की आईना होता है।

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