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व्याकरण
उपरी और प्रत्यय को उपकरण सहित लिये।
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उपसर्ग की परिभाषा
भाषा के वह सार्थक एवं छोटे खंड जो किसी शब्द के आरम्भ में लग जाते हैं एवं उससे मिलकर किसी दुसरे शब्द का निर्माण कर देते हैं।
उपसर्ग शब्द का अर्थ होता है – समीप आकर नया शब्द बनाना। अर्थात यह किसी शब्द साथ लगकर नया शब्द बनाता है।
उपसर्ग लगने के बाद शब्द का अर्थ बदल जाता है।
उदाहरण :
अ + भाव : अभाव
ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं पहले भाव शब्द बिना उपसर्ग के उसका मतलब था भावना लेकिन जब उपसर्ग लगाया गया तो उसका मतलब हो गया कमी। उपसर्ग लगने के बाद उसका मतलब बदल गया है।
उपसर्ग के भेद :
उपसर्ग के मुख्यतः पांच भेद होते हैं :
संस्कृत के उपसर्ग
हिंदी के उपसर्ग
उर्दू और फ़ारसी के उपसर्ग
अंग्रेजी के उपसर्ग
उपसर्ग की तरह प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय
प्रत्यय की परिभाषा
ऐसे शब्द जिनका स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता लेकिन वे दुसरे शब्द के बाद लगकर उनका अर्थ बदल देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।
कभी कभी प्रत्यय लगाने से अर्थ में कोई बदलाव नहीं होता है।
उदाहरण :
भूल + अक्कड़ :भुलक्कड़
ऊपर दिए जैसा की आप देख सकते हैं पहले शब्द था भूल जिसका मतलब था भूलना लेकिन अक्कड़ प्रत्यय लगने के बाद शब्द बन गया भुलक्कड़ जिसका मतलब हुआ वह व्यक्ति जो भूल करता है।
प्रत्यय के भेद :
प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं:
कृत प्रत्यय
तद्धित प्रत्यय
Explanation:
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