daulat paye na kijeye sapne me abhiman girdhar ki kundaliya meaning in Hindi
Answers
दौलत पाय न कीजिए, सपनेहु अभिमान।
यह कवि गिरिधर द्वारा रचित की गई कुंडलियां हैं, इन कुंडलियों के माध्यम से कवि ने नैतिक शिक्षा देने की चेष्टा की है।
दौलत पाय न कीजिए, सपनेहु अभिमान। इसका हिन्दी में अर्थ है :
कवि गिरिधर कहते हैं कि खाली धन-दौलत पाने के लिए ही कार्य मत करो और धन दौलत मिल भी जाए तो उसका अभिमान कभी मत करो। जिस तरह बहता हुआ जल चंचल होता है, वह कभी एक जगह स्थिर होकर नहीं ठहरता, उसी तरह आने वाला धन भी चंचल होता है, वह भी एक के पास हमेशा के लिये नही टिकता। यह दौलत आनी है, फिर जानी है, इसलिए जीवन में धन-दौलत कमाने के साथ-साथ भगवान का भी नाम लो। अच्छे कार्य करो, मधुर वचन बोलो और सभी से प्रेम करो। कवि के कहना का तात्पर्य यह है कि धन-दौलत एक अस्थिर वस्तु है, लेकिन हमारा जो व्यवहार है वह अमूल्य है, अटूट है, वही सच्ची दौलत है।
Read more on
दौलत पाय न कीजिए, सपनेहु अभिमान
दौलत पाय न कीजिए, सपनेहु अभिमान।
https://brainly.in/question/14145691
Answer:
heya mates here's what you are looking for