Hindi, asked by nimishasathyan459, 1 year ago

Debate on gst in favor or against

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Answered by sanju2004
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. भारत की ‘सकल घरेलू उत्पाद’ का करीब 60% सर्विस क्षेत्र से आता है. अभी भारत में 14.5 फीसदी की दर से सर्विस टैक्स लगता है जो कि GST लागू होने के बाद बढ़कर 18% हो जायेगा. 
उदाहरण के तौर पर अभी आपको 100 रुपये के मोबाइल बिल पर 14 रुपये 50 पैसे टैक्स देना पड़ता है जो कि 1 जुलाई 2017 के बाद बढ़कर 18 रुपये हो जायेगा.
2. GST लागू होने से कुछ राज्यों की आय में निश्चित रूप से कमी आएगी लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ 5 साल तक ही किसी राज्य के नुकसान की भरपाई करेगी.
3. बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में प्रभावी टैक्स रेट 14 प्रतिशत है. ये टैक्स अब तक सिर्फ ट्रांजेक्शन पर लगता है. इंट्रेस्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता है. लेकिन GST लागू होने के बाद इस सेक्टर पर लगने वाला टैक्स 18 से 20 बढ़ जायेगा. अर्थात प्रोसेसिंग फीस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड पर लगने वाली फीस, बीमा प्रीमियम पर लगने वाले चार्जेस बढ़ जाएंगे.

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4. ज्ञातब्य है कि कई राज्यों की आय का मुख्य साधन पेट्रोल व डीजल और शराब से होने वाली कर आय है. अभी हाल में तो इन वस्तुओं को GST से बाहर रखा गया है लेकिन जब ये वस्तुएं GST के दायरे में आएँगी तो राज्यों की आय में निश्चित तौर पर बड़ी कमी होगी और ऐसे राज्यों को पैसे की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की ओर मुंह ताकना पड़ेगा और हालत तब और बिगड़ जाएगी जब केंद्र और सम्बंधित राज्य में अलग अलग पार्टी सत्ता में होंगीं.
इस प्रकार हमने उपर्युक्त लेख में देखा कि GST  में किस तरह के फायदे और नुकसान हैं. सारांश रूप में यह कहा जा सकता है कि यदि यह नयी कर व्यवस्था भारत में लागू हो जाती है तो देश को नुकसान की तुलना में फायदा ज्यादा होगा. इसके सबसे बड़े फायदों में “कर के ऊपर” लगाने की पद्धति का खात्मा होने के साथ साथ, कर चोरी पर रोक और देश की अर्थव्यवस्था में 2 से 3 प्रतिशत की वृद्धि होने का कारण सरकार के पास अतिरिक्त धन कि उपलब्धता होगी जिसेसे देश के आधारभूत ढांचे में मजबूती आएगी.
Answered by oratyushdash
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Explanation:

सुरज ने एक किताब के २६५ पन्ने पढ़ लिए उसकी बहन मीना ने उसी किताब के १५० पन्ने पढ़े तो बताएं दोनो ने मिलकर उस किताब के पन्ने पढ़े होंगे

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