Hindi, asked by lucky1642, 1 year ago

Deepawali par Patake Na jalane hetu Anuj ko Patra

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Answered by sumansabhnani
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पलवल जिले में दीपावली के मौसम में पटाखों से पर्यावरण भी बेहद प्रभावित होता है। पर्यावरण दूषित होने से लोगों में खास कर दमा व हृदय रोग से पीड़ित लोगों को बेहद परेशानी होती हैं, वहीं वातावरण में धूल व धुएं के रूप में अति सूक्ष्म पदार्थ मुक्त तत्वों का हिस्सा कई दिनों तक मिश्रित रहता है, जिससे आम आदमी का स्वास्थ्य, विशेषकर बच्चों की सेहत बिगड़ने का खतरा रहा है। इसका व्यास 10 माइक्रो मीटर तक होता है। यह नाक के छेद में आसानी से प्रवेश कर जाता है। जो श्वसन प्रणाली, हृदय व फेफड़ों को प्रभावित करता है। पटाखे ध्वनि प्रदूषण भी करते हैं व लोगों के अलावा पशु, पक्षियों, जलजनित जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं।
दीपावली शरदकालीन सर्द मौसम में आती है। इस दौरान कई बार धुंध भी पड़ती है। पटाखों का धुआं इससे नीचे ही रह जाता है। इस धुएं व धुंध मे मिश्रण के कारण कई बीमारियां पैदा होती हैं। शारीरिक परिवर्तन से लेकर सांस फूलना, घबराहट, खांसी, हृदय व फेफड़े संबंधी दिक्कतें, आंखों में संक्रमण, दमा का दौरा, रक्त चाप, गले में संक्रमण हो जाता है। वायु प्रदूषित होने से दिल का दौरा, दमा, एलर्जी, व निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा पटाखों की आवाज से कान का पर्दा फटने व दिल का दौरा पड़ने की भी संभावना बनी रहती है। इसके अलावा पटाखों से जलने, आंखों की क्षति, अनिद्रा की स्थिति भी बनी रहती है।

दस गुणा बढ़ जाता है प्रदूषण

दीपावली के मौसम में पटाखों के कारण वायु प्रदूषण छह से दस गुणा बढ़ जाता है। आवाज का स्तर 15 डेसीबल तक बढ़ जाता है। इसका बच्चों व गर्भवती महिलाओं पर भी असर पड़ता है।

निकलती हैं कई गैसें

पटाखों से कई प्रकार की खतरनाक गैस निकल कर वायुमंडल में घुल जाती हैं। कार्बन डाइ आक्साइड पर्यावरण के साथ साथ शरीर को भी नुकसान पहुंचाती है। ग्लोबल वार्मिंग को भी यह गैस प्रभावित करती है। कार्बन मोनोआक्साइड जहरीली, गंधहीन गैस भी पटाखों से निकलती है, जो हृदय की मांस पेशियों को नुकसान पहुंचाती है। सल्फर डाइआक्साइड ब्रोकाइटिस जैसी सांस की बीमारी पैदा करती है। इससे बलगम व गले की बीमारियां पैदा होती हैं। नाइट्रेट कैंसर जैसी बीमारियां, हाइड्रोजन सल्फाइड मस्तिष्क व दिल को नुकसान व बेरियम आक्साइड आंखों व त्वचा को नुकसान पहुंचाती है। क्रोमियम गैस सांस की नली में व त्वचा में परेशानी पैदा करती है तथा जीव जंतुओं को नुकसान करती है।

दीपावली परंपरागत ढंग से मनाएं व पटाखों से दूर रहें। पटाखों से वायु प्रदूषण के अलावा ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। पटाखों से निकली गैसें अनेक बीमारियों को जन्म देती हैं। दीपावली शुभ हो, ऐसे प्रयास करें व वातावरण को शुद्ध रखें। दीपावली पर यज्ञ करें व वायुमंडल को साफ-सुथरा रखें।


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