Hindi, asked by mkumar404, 1 year ago

deepdan khahani hindi

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Answered by sumitmaurya268pb1phd
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एकांकी समाप्त हो जाता है . 


दीपदान एकांकी में पन्ना धाय का चरित्र चित्रण 

भारतीय इतिहास में पन्ना का चरित्र एक जगमगाती नक्षत्र की भटनी आलोकित है .इसमें ममता ,करुणा ,त्याग ,कर्तव्यनिष्ठ तथा देश प्रेम का भाव कूट -कूट कर भरा हुआ है .पन्ना में कर्तव्यपरायणता का उच्च भाव है .वह अपने कर्तव्य के प्रति सतत जागरूक है . जब क्रूर बनवीर राज्य लिप्सा के वशीभूत होकर उदय सिंह की हत्या का षड्यंत्र रचता है तो उसकी कर्तव्यनिष्ठ जाग उठती है .वह उदय सिंह की धाय है . अतः उसकी रक्षा उसका प्रथम कर्तव्य है . वह बड़े से बड़े प्रलोभन से भी विचलित नहीं होती है . अपने कर्तव्य की पूर्ति में वह अपने पुत्र चन्दन की बलि चढ़ा देती है  . 


राजभक्ति- उसमें अद्वितीय राजभक्ति है . राजघराने के सभी लोग भूल जाते है कि उदय सिंह राज्य का वास्तविक उत्तराधिकारी है परन्तु उसकी राजभक्ति सदैव सजग रहती है .वह राणा संगा का नमक खाकर उसे धोखा नहीं दे सकती है . साहसी- पन्ना धीर,साहसी तथा निर्भीक राजपूत वीरांगना है .वह उदय सिंह को नृत्य प्रेमी न बना कर युद्ध प्रेमी देखना चाहती है . अपूर्व त्याग - अपूर्व त्याग पन्ना का त्याग भारतीय इसिहास का अपूर्व त्याग है . अपने पुत्र का बलिदान अपनी इच्छा से कर वह अपने स्वामी के पुत्र की रक्षा करना चाहती है .

विवेक और दूरदर्शिता - पन्ना में विवेक और दूरदर्शिता है .वह भारतीय इतिहास का अपूर्व त्याग है . अपने पुत्र का बलिदान अपनी इच्छा से कर वह अपने स्वामी के पुत्र की रक्षा करना चाह्हती हो . 


वास्तव में पन्ना एक कर्तव्यनिष्ठ,विवेकशील ,देश प्रेमी ,राजभक्ति आदि गुणों से युक्त भारतीय नारी है . उसके उज्ज्वल चरित्र में कहीं कोई दोष या कलंक नहीं है . 


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