Social Sciences, asked by vivek677, 10 months ago

define noise pollution (written in hindi) (long)​

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Answered by malhijaspal75
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Answer:

ध्वनि प्रदूषण या अत्यधिक शोर किसी भी प्रकार के अनुपयोगी ध्वनियों को कहते हैं, जिससे मानव और जीव जन्तुओं को परेशानी होती है। इसमें यातायात के दौरान उत्पन्न होने वाला शोर मुख्य कारण है। जनसंख्या और विकास के साथ ही यातायात और वाहनों की संख्या में भी वृद्धि होती जिसके कारण यातायात के दौरान होने वाला ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ने लगता है। अत्यधिक शोर से सुनने की शक्ति भी चले जाने का खतरा होता है।

बढ़ती आबादी से उत्पन्न होने वाली समस्या को हल करने में विज्ञान की अहम भूमिका हो सकती है। प्रदूषण वायु, पानी और ध्वनि तीनों माध्यम से फैलता है। हम यहाँ ध्वनि प्रदूषण पर चर्चा करेंगे। यह मानव जनित प्रदूषण है। इसने पर्यावरण को बुरी तरह प्रभावित किया है। मुख्यतः यातायात के साधन, जैसे हवाई जहाज, रेल, ट्रक, बस या निजी वाहन आदि, इस तरह के प्रदूषण फैलाते हैं। इनके अतिरिक्त फैक्ट्रियाँ, तेज ध्वनि वाले लाउडस्पीकर, निर्माण कार्य आदि से भी ध्वनि प्रदूषण फैलता है।

ध्वनि प्रदूषण के साधन

सड़क पर चलने वाली गाड़ियों से ध्वनि प्रदूषण बहुत अधिक होता है। जब कई गाड़ियाँ एक साथ चलती हैं तो उनके इंजन व हॉर्न से निकलने वाला शोर ध्वनि को प्रदूषित कर देता है। जिसका पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।

हवाई जहाज से ध्वनि प्रदूषण

किसी भी किस्म के हवाई जहाज से भिन्न प्रकार से ध्वनि प्रदूषण फैलता है। एक तो हवाई जहाज जब उड़ने के लिये दौड़ता है। दूसरा जब उड़ रहा होता है। तीसरा जब जमीन पर उतरने वाला होता है। एक खास बात यह है कि जब हवाई जहाज जमीन पर उतरने वाला होता है तो उसका शोर एयरपोर्ट के 100 वर्ग किलोमीटर तक के पर्यावरण को प्रदूषित कर देता है। हवाई जहाज से उत्पन्न होने वाला प्रदूषण ध्वनि-प्रदूषण का दूसरा प्रमुख कारक माना जाता है। जब हवाई जहाज उड़ने को होता है तो उसकी ध्वनि अधिक होती है।

नये शहर की प्लानिंग

जिन शहरों की प्लानिंग ठीक नहीं होती है उनकी प्लानिंग दोबारा की जाती है जिसमें अधिक तोड़-फोड़ होती है। जिसके कारण ध्वनि प्रदूषण अधिक बढ़ जाता है। फैक्ट्रियाँ बनती हैं, फिर फैक्ट्रियों में काम करने वालों के लिये मकान बनाये जाते हैं, इसके कारण से भी पर्यावरण में ध्वनि प्रदूषण फैलता है।

मनोरंजन से ध्वनि प्रदूषण

आजकल ऐसा देखा जा रहा है कि जरा सी कोई प्रसन्नता का मौका आता है कि लोग इतने खुश हो जाते हैं कि काफी देर तक पटाखे चलाते रहते हैं। या घर में धार्मिक अवसरों पर आतिशबाजी करते हैं या घरों में जागरण वगैरह करते हैं, जिनके कारण ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। यही ध्वनि प्रदूषण शुगर और उच्च रक्तचाप के रोगियों को काफी नुकसान पहुँचाता है। इससे उनकी मृत्यु भी हो सकती है।

ध्वनि प्रदूषण से मानव स्वास्थ्य को खतरा

बहुत तेज ध्वनि कान के पर्दों को हानि पहुँचा सकती है। कान के अन्दर जो हेयर-सेल्स (Hearing and Hair Cells) होते हैं वो पूरी तरह खत्म हो सकते हैं और कान से सुनाई देना बन्द हो सकता है। ध्वनि से दिल की धड़कन कम हो जाती है और ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है। हाल की रिपोर्ट से यह पता चला है कि बहुत अधिक शोरगुल मानव का खून गाढ़ा कर सकता है जिसके कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी तरफ खून का दबाव बढ़ सकता है। जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत भी हो सकती है।

पशुओं को नुकसान

ध्वनि प्रदूषण पशुओं के लिये भी खतरनाक साबित होता है। अधिक ध्वनि प्रदूषण के कारण जानवरों के प्राकृतिक रहन-सहन में भी बाधा उत्पन्न होती है। उनके खाने-पीने, आने-जाने और उनकी प्रजनन क्षमता और आदत में बदलाव आने लगता है। सेनाओं के अभ्यास से उत्पन्न होने वाले शोर से चोंचदार व्हेलों की प्रजाति अब लुप्त होने के कगार पर है।औद्योगिक ध्वनि

आज कल क्या हो रहा है कि लोगों ने रिहायशी इलाकों में उद्योग लगाये हुए हैं और यह सिलसिला बढ़ता ही चला जा रहा है। इसके अलावा इंडस्ट्रीज में कल-पुर्जे पुराने हो चुके हैं जिसके कारण से इंडस्ट्रीज के अन्दर मशीनों की ध्वनि अधिक बढ़ चुकी है। इसी कारण रिहायशी इलाकों में ध्वनि प्रदूषण बढ़ना स्वाभाविक है। ध्वनि प्रदूषण के कारण आजकल लोगों में बहरेपन की शिकायत बढ़ती जा रही है।

ध्वनि प्रदूषण कैसे कम की जाये -

1. गाड़ियों की गति कम की जाये।

2. सड़कों की मरम्मत की जाये।

3. बड़ी-बड़ी गाड़ियों का भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाना बन्द किया जाये।

4. ट्रैफिक के कानून का पाबन्दी से पालन हो और हॉर्न बार-बार न बजायें।

5. इन्जन की एक खास अन्तराल पर ट्यूनिंग अवश्य करवायें जिससे इंजन से ध्वनि अधिक न आये।

6. न अधिक ब्रेक लगायें और न बहुत अधिक एक्सीलेटर दबायें।

7. अधिक-से-अधिक पेड़ लगाये जायें जिनसे ध्वनि प्रदूषण कम करने में सहायता मिले।

8. हवाई जहाजों का आबादी वाले शहरों की बजाय खाली स्थानों की तरफ रास्ता बदल दें और दिन के वक्त रनवे का इस्तेमाल करें।

9. उद्योगों से उत्पन्न होने वाली ध्वनि जहाँ तक हो सके कम करने की कोशिश होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर औद्योगिक मशीनों और औजारों को दोबारा डिजाइन किया जाये औद्योगिक इकाइयों को साउन्ड प्रूफ बनाया जाय और नई मशीनों का इस्तेमाल किया जाय। रिहायशी इलाकों में जो औद्योगिक इकाइयाँ हैं उनको वहाँ से हटाया जाय।

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Answered by aarti0808
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Explanation:

हमारे देश में विभिन्न अवसरों पर की जाने वाली आतिशबाजी भी ध्वनि प्रदूषण का मुख्य स्रोत है। विभिन्न त्योहारों, उत्सवों, मेंलों, सांस्कृतिक/वैवाहिक समारोहों में आतिशबाजी एक आम बात है। मैच या चुनाव जीतने की खुशी भी आतिशबाजी द्वारा व्यक्त की जाती है। परन्तु इन आतिशबाजियों से वायु प्रदूषण तो होता ही है साथ ही ध्वनि तरंगों की तीव्रता भी इतनी अधिक होती है, जो ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्या को जन्म देती है। ध्वनि वह तत्व है, जिसका आभास हमारी कर्णेन्द्रियों से होता है। किसी वस्तु के कंपन से ध्वनि उत्पन्न होती है। ध्वनि की अवांछनीय तीव्रता को शोर (Noise) को कहते हैं। अग्रेजी का Noise शब्द लैटिन के Nausea शब्द से लिया गया। इस अदृश्य प्रदूषण से कई गंभीर समस्याओं ने जन्म लिया है।

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