define prem ras in hindi?
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इसका स्थाई भाव रति होता है नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस कि अवस्था में पहुँच जाता है तो वह श्रंगार रस कहलाता है इसके अंतर्गत सौन्दर्य, प्रकृति, सुन्दर वन, वसंत ऋतु, पक्षियों का चहचहाना आदि के बारे में वर्णन किया जाता है...
I hope it's helpfully for u..
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3
चाँदनी रात में
तुम्हारे साथ हूँ।
चाँदनी में घुल चुका,
मनोरम अहसास हूँ।
आदिकवि की कल्पना से
जन्मा एक विरह दर्द हूँ
आषाढ़ मास में उभरे हुए
मेघदूतों का यक्ष हूँ।
हिरण्यगर्भ से भी पहले
सर्वत्र एक नभ हूँ।
प्रिय से प्रियत्मा के बीच
शब्दों में प्रणव हूँ।
योग से ऊपर उठा
समय से अतीत हूँ
महाकाल से मिला
शून्य में व्यतीत हूँ।
प्रकृति में विलीन हुए
सूक्ष्म का प्रकाश हूँ
परमात्मा का प्रेमी बने
आत्मा का निवास हूँ।
मैं ही योगियों का लक्ष्य
भक्ति में रस हूँ
विधाता को भी बांधने वाला
एकमात्र प्रेम रस हूँ।
hope it helps✌️✌️
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चाँदनी में घुल चुका,
मनोरम अहसास हूँ।
आदिकवि की कल्पना से
जन्मा एक विरह दर्द हूँ
आषाढ़ मास में उभरे हुए
मेघदूतों का यक्ष हूँ।
हिरण्यगर्भ से भी पहले
सर्वत्र एक नभ हूँ।
प्रिय से प्रियत्मा के बीच
शब्दों में प्रणव हूँ।
योग से ऊपर उठा
समय से अतीत हूँ
महाकाल से मिला
शून्य में व्यतीत हूँ।
प्रकृति में विलीन हुए
सूक्ष्म का प्रकाश हूँ
परमात्मा का प्रेमी बने
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rohitroy6158pd7fu2:
hlo
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