Delhi Ke Prasidh shayar ka naam kya tha
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शाहजहानाबाद :: हमीं अस्त-ए हमीं अस्त-ए हमीं अस्त-ए। यदि धरती पर कहीं स्वर्ग है, तो वो यही है, यही है, यही है। प्रसिद्ध शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने इसी सुरुर को कायम रखा और लिखा: "यदि दुनिया शरीर है, तो दिल्ली आत्मा है"।
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शाहजहानाबाद :: हमीं अस्त-ए हमीं अस्त-ए हमीं अस्त-ए। यदि धरती पर कहीं स्वर्ग है, तो वो यही है, यही है, यही है। प्रसिद्ध शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने इसी सुरुर को कायम रखा और लिखा: "यदि दुनिया शरीर है, तो दिल्ली आत्मा है"।
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