Hindi, asked by rachitc142, 2 months ago

Delhi ki Yatra par nibandh​

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Answered by sprasoon484
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ऐतिहासिक स्थल की यात्रा:- दिल्ली स्वतंत्र भारत की राजधानी है। इसके प्रतेक भाग में इतिहास के सभी युगों की गाथाएं सिमटी हुई है। इसमें कहि महाभारत के विरो की स्मृति सोई हुई है। तो कही दिल्ली के नरेश पृथ्वीराज चौहान के सत्रह युधो की वीरता की गाथा। कहीं पर मुगल सम्राट शाहजहाँ की वास्तुकला बिखरी पड़ी है। तो कहीं अंग्रेजों द्वारा निर्मित ऊँची-ऊँची भव्य इमारते सिर ऊँचा किये खड़ी हैं। इनके अतिरिक्त आधुनिक दर्शनीय स्थलों ने तो इसकी सुंदरता को और भी चार चाँद लगा दिए है। इन सब दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश से अनेक लोग आते रहते है।

इस ऐतिहासिक नगरी दिल्ली को देखने व समझने के लिए कम-से-कम एक सप्ताह का समय तो चाहिए। यह दिल्ली दो भागों में विभाजित हैं। दिल्ली व नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली के प्रमुख दर्शनीय स्थल है। लाल किला, रेलवे का बड़ा जंक्शन, जामा मस्जिद, गुरुद्वारा सीस गंज, चांदनी चौक का भव्य बाजार, पुराना किला आदि। इनमें लाल किला पत्थर से बना हुआ विशाल किला है जिसे मुगल सम्राट शाहजहाँ ने बनवाया था। यह बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है। जामा मस्जिद मुसलमानो का पूजा-स्थल है। जहाँ मुसलमान लोग नमाज़ अदा करते है। लाल किला से थोड़ी दूर फव्वारे के ठीक सामने गुरुद्वारा सीसगंज है। जहां गुरु तेन बहादुर ने अपनी बलि दी थी। यह सीखो का पवित्र स्थान है। लाल किले के ठीक सामने चाँदनी चौक का भव्य बाजार है, जो व्यापार का केंद्र भी है। इन सबके पास एक बड़ा रेल्वे स्टेशन है। जहां हमेशा चहल-पहल रहती है।

नई दिल्ली के प्रमुख दर्शनीय स्थल इस प्रकार है। कुतुबमीनार, राजघाट, शांतिवन, विजयघाट, चिड़ियाघर, संसद भवन, बिड़ला मंदिर, राष्ट्रपति भवन, शक्तिस्थल, मुगल गार्डन, जंतर-मंतर, कनॉट प्लेस, छतरपुर स्थित देवी का मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, लोटस टेम्पल, नेहरू तारामंडल आदि। इनमे राजघाट महात्मा गाँधी जी की, शांतिवन श्री नेहरू जी की, विजय घाट लाल बहादुर शास्त्री जी की व शक्तिस्थल श्रीमती इंदिरा गांधी जी की समाधिया है। चिड़ियाघर में अनेकों पशु-पक्षी है। जिन्हें बच्चें बहुत चाव से देखते है। संसद भवन में देश के कानून बनाये जाते हैं। राष्ट्रपति भवन में देश के राष्ट्रपति रहते है। बिड़ला मंदिर व छतरपुर मंदिर हिन्दुओ के पूजा स्थल है। कुतुबमीनार एक ऐतिहासिक स्थल है। जिसके पास एक लौह स्तंभ है। जो अपने आप मे कला के एक अदभुत नमूना है। इसे चन्द्रगुप्त द्वितीय ने बनवाया था। इंडिया गेट पर प्रज्वलित रहने वाली जय जवान ज्योति स्वतंत्रता संघर्ष का स्मरण करा देती है। यमुना नदी की चर्चा और दर्शन किये बिना दिल्ली दर्शन को सम्पुर्ण माना ही नही जा सकता । इस प्रकार नए-पुराने मिलकर आज दिल्ली का प्रतेक भाग दर्शनीय कहा जा सकता है।

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Answered by shrisehgalgracy
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i send you later this answer sorry

दिल्ली के ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध

ऐतिहासिक स्थल की यात्रा:- दिल्ली स्वतंत्र भारत की राजधानी है। इसके प्रतेक भाग में इतिहास के सभी युगों की गाथाएं सिमटी हुई है। इसमें कहि महाभारत के विरो की स्मृति सोई हुई है। तो कही दिल्ली के नरेश पृथ्वीराज चौहान के सत्रह युधो की वीरता की गाथा। कहीं पर मुगल सम्राट शाहजहाँ की वास्तुकला बिखरी पड़ी है। तो कहीं अंग्रेजों द्वारा निर्मित ऊँची-ऊँची भव्य इमारते सिर ऊँचा किये खड़ी हैं। इनके अतिरिक्त आधुनिक दर्शनीय स्थलों ने तो इसकी सुंदरता को और भी चार चाँद लगा दिए है। इन सब दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश से अनेक लोग आते रहते है।

इस ऐतिहासिक नगरी दिल्ली को देखने व समझने के लिए कम-से-कम एक सप्ताह का समय तो चाहिए। यह दिल्ली दो भागों में विभाजित हैं। दिल्ली व नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली के प्रमुख दर्शनीय स्थल है। लाल किला, रेलवे का बड़ा जंक्शन, जामा मस्जिद, गुरुद्वारा सीस गंज, चांदनी चौक का भव्य बाजार, पुराना किला आदि। इनमें लाल किला पत्थर से बना हुआ विशाल किला है जिसे मुगल सम्राट शाहजहाँ ने बनवाया था। यह बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है। जामा मस्जिद मुसलमानो का पूजा-स्थल है। जहाँ मुसलमान लोग नमाज़ अदा करते है। लाल किला से थोड़ी दूर फव्वारे के ठीक सामने गुरुद्वारा सीसगंज है। जहां गुरु तेन बहादुर ने अपनी बलि दी थी। यह सीखो का पवित्र स्थान है। लाल किले के ठीक सामने चाँदनी चौक का भव्य बाजार है, जो व्यापार का केंद्र भी है। इन सबके पास एक बड़ा रेल्वे स्टेशन है। जहां हमेशा चहल-पहल रहती है।

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