Demonetisation summary in india in hindi
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सरकार ऐसा कई कारणों से कर सकती है। सरकार पुराने नोटों की जगह नए नोट लाने पर पुराने नोटों का विमुद्रीकरण कर देती है। मुद्रा की जमाखोरी (कालाधन) को खत्म करने के लिए भी बड़े राशि के नोटों का विमुद्रीकरण किया जाता है। आतंकवाद, अपराध और तस्करी जैसे आपराधिक कामों में भी बड़े पैमाने पर नगद लेन-देन होता है। इन कामों में लिप्त लोग कई बार नगद राशि अपने पास जमा रखते हैं। बाजार में कई बार नकली नोट भी प्रचलन में आ जाते हैं। सरकार नकली नोटों से छुटकारा पाने के लिए पुराने नोट बदल देती है। जालसाजी से बचने के लिए नई तकनीकी से तैयार किए गए ज्यादा सुरक्षित नोट लाने पर भी सरकार पुराने नोटों का विमुद्रीकरण कर देती है। टैक्स चोरी के लिए किए जाने वाले नगद लेन-देन को हतोत्साहित करने के लिए भी सरकारें कई बार विमुद्रीकरण का रास्ता अपनाती हैं।जब किसी देश की सरकार किसी पुरानी मुद्रा को कानूनी तौर पर बंद कर देती है तो इसे विमुद्रीकरण (डीमोनेटाइजेशन) कहते हैं। विमुद्रीकरण के बाद उस मुद्रा की कुछ कीमत नहीं रह जाती। उससे किसी तरह की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती। सरकार द्वारा बंद किए गए नोटों को बैंकों में बदलकर उनकी जगह नए नोट लेने के लिए समयसीमा तय कर देती है। उस दौरान जिसने अपने नोट बैंकों में जाकर नहीं बदले या जमा नहीं किए उनके नोट कागज का टुकड़ा बनकर रह जाते हैं।
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