desh ko sawarne Mein Hamara kya yogdan ho sakta hai
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हम जब भी कोई बात या चर्चा करते हैं तो किसी दूसरे के दोष को ही बताया जाता है। हमारा फर्ज और हमारा दायित्व क्या है यह हम अकसर भूल जाते हैं। यहां पर बात हो रही है नागरिक होने पर गर्व की, इससे हमें नागरिक होने पर गर्व होना चाहिए। मगर पहले यह सोचें कि क्या हम गर्व करने के विषय पर संवेदनशील हैं। क्या हम वाकई में एक अच्छे नागरिक होने के सारे नियम समझते हैं। नागरिक होना ही गर्व करने के लिए काफी नहीं है। नागरिक होने पर गर्व हमें तब ज्यादा होगा जब हम जीवन में संस्कारों को महत्व देंगे और संस्कार, शिष्टाचार तथा नैतिक मूल्यों को समझेंगे। हमें अच्छा नागरिक बन देश की तरक्की में योगदान देना चाहिए।
हम अकसर देश की कमियों को ही उजागर करते हैं। मगर यह कभी नहीं सोचते कि हमारे देश ने हमें क्या-क्या दिया। हम कमियां निकालने में महारत हासिल कर रहे हैं। हम यह क्यों नहीं देख पाते कि हमारे देश जैसा कोई देश ही नहीं है। जो नैतिक व सांस्कृतिक मूल्य हमारे देश में हैं वह संसार के किसी भी देश में देखने को नहीं मिल पाएंगे। पूरा विश्व हमारे देश के सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों का आदर करता है। भारत हमारी मातृभूमि है और हमें इसे प्यार करना चाहिए। देश के लोग स्वभाव से बहुत ही ईमानदार व भरोसेमंद हैं। विभिन्न संस्कृति व परंपरा के लोग बिना किसी परेशानी के एक साथ रहते हैं। हमारे देश की मातृ भाषा ¨हदी है। हालांकि बिना किसी बंधन के अलग-अलग धर्म व जाति के लोगों के द्वारा यहां पर कई भाषाएं बोली जाती हैं। भारत एक प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए है। यहां समय-समय पर महान लोग पैदा हुए हैं। उन्होंने अपने जीवन में महान कार्य किए, हमें उनके जीवन से कुछ प्रेरणा लेकर अपने देश के लिए अच्छे कार्य करने चाहिए। भारतीयों का स्वभाव भी दिल को छू लेने वाला है और दूसरे देशों से आए मेहमानों का हम दिल से स्वागत करते हैं। भारत में जीवन के भारतीय दर्शन का अनुसरण किया जाता है जो सनातन धर्म कहलाता है और यहां विविधता में एकता को बनाए रखने के लिए मुख्य कारण बनता है। हमारे देश में काफी धरोहरें हैं, जो विश्व के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। भारत अपने अध्यात्मिक कार्यो जैसे योगा, मार्शल आर्ट व संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। हमारा देश बुद्ध, महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद व संत कबीर जैसे महापुरुषों की धरती है। उन्हीं के पदचिह्नों पर चलकर यहां के लोगों व अन्य देशों ने अपने आप को मूल्यवान बनाया है। हमें भारत के नागरिक होने पर गर्व होना चाहिए। यहां पर नारी को देवी समझकर उसकी पूजा की जाती है। भारत की संस्कृति में जीवन जीने के लिए सब कुछ है जैसे विरासत के विचार, लोगों की जीवन शैली, मान्यता, रीति-रिवाज, संस्कार व नैतिक मूल्य और विनम्रता आदि। भारत को विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता माना जाता है जहां पर लोग अपनी पुरानी मानवता की संस्कृति व परवरिश का अनुकरण करते हैं। पुरानी पीढ़ी के लोग अपनी संस्कृति और मान्यताओं को नई पीढ़ी को सौंपते हैं, इसलिए सभी बच्चे यहां पर अच्छे से व्यवहार करते हैं। क्योंकि उनको संस्कार, संस्कृति, नैतिक मूल्य व परंपराएं पहले से ही उनके माता-पिता, दादा-दादी तथा घर के अन्य सदस्यों से मिलती रही हैं। देश की संस्कृति की अपनी एक अलग पहचान है।
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