Hindi, asked by auroraariazen, 1 year ago

desh mein badhta bhrashtachar essay
I need it fast hindi exam tomorrow

Answers

Answered by navneet123098
12
भ्रष्टाचार एक बीमारी की तरह देश में ही नहीं वरन् विदेश में भी फैलता जा रहा है। भारतीय समाज में ये सबसे तेजी से उभरने वाला मुद्दा है। सामान्यतः इसकी शुरुआत और प्रचार-प्रसार मौकापरस्त नेताओं द्वारा शुरु होती है जो अपने निजी स्वार्थों की खातिर देश को खोखला कर रहे है। वो देश की संपदा को गलत हाथों में बेच रहे है साथ ही इससे बाहरी देशों में भारत की छवि धूमिल हो रही है।

वो अपने व्यक्तिगत फायदों के लिये भारत की पुरानी सभ्यता तथा संसकृति को नष्ट कर रहे है। मौजूदा समय में जो लोग अच्छे सिद्धांतों का पालन करते है दुनिया उन्हें बेवकूफ समझती है और जो लोग गलत करते है साथ ही झूठे वादे करते है वो समाज के लिये अच्छे होते है। जबकि, सच ये है कि कदाचारी सीधे, साधारण, और निर्दोष लोगों को धोखा देते है और उनके दिमाग पर हावी भी रहते है।

भ्रषटाचार दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि अधिकारियों, अपराधियों और नेताओं के बीच में सांठगांठ होती है जो देश को कमजोर करते जा रही है। भारत को 1947 में आजादी मिली और वो धीरे-धीरे विकास कर रहा था कि तभी बीच में भ्रष्टाचार रुपी बीमारी फैली और इसने बढ़ते भारत को शुरु होते ही रोक दिया। भारत में एक प्रथा लोगों के दिमाग में घर कर गई है कि सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में बिना रिश्वत दिये अपना काम नहीं किया जा सकता और इसी सोच की वजह से परिस्थिति और गिरती ही जा रही है।

कदाचार हर जगह है चाहे वो अस्पताल, शिक्षा, सरकारी कार्यालय कुछ भी हो कोई इससे अछुता नहीं है। सबकुछ व्यापार हो चुका है पैसा गलत तरीके से कमाया जा रहा है शिक्षण संस्थान भी भष्टाचार के लपेटे में है, यहाँ विद्यार्थीयो को सीट देने के लिये पैसा लिया जाता है चाहे उनके अंक इस लायक हो या न हो। बेहद कमजोर विद्यार्थी भी पैसों के दम पर किसी भी कॉलेज में दाखिला पा जाते है इसकी वजह से अच्छे विद्यार्थी पीछे रह जाते है और उन्हें मजबूरन साधारण कॉलेज में पढ़ना पड़ता है।

आज के दिनों में गैर-सरकारी नौकरी सरकारी नौकरी से बेहतर साबित हो रही है। प्राईवेट कंपनीयाँ किसी को भी अपने यहाँ क्षमता, दक्षता, तकनीकी ज्ञान और अचछे अंक के आधार पर नौकरी देती है जबकि सरकारी नौकरी के लिये कई बार घूस देना पड़ता है जैसे टीचर, क्लर्क, नर्स, डॉक्टर आदि के लिये। और घूस की रकम हमेशा बाजार मूल्य के आधार पर बढ़ती रहती है। इसलिये कदाचार से दूर रहे और सदाचार के पास रहें तो भ्रटाचार अपने-आप समाप्त हो जाएगा।



या फिर ये वाला निबंध आप ले सकते हो.


जैसा कि हम सभी जानते है कि भ्रष्टाचार बहुत बुरी समस्या है। इससे व्यक्ति के साथ-साथ देश का भी विकास और प्रगति रुक जाता है। ये एक सामाजिक बुराई है जो इंसान की सामाजिक, आर्थिक और बौद्धिक क्षमता के साथ खेल रहा है। पद, पैसा और ताकत के लालच की वजह से ये लगातार अपनी जड़े गहरी करते जा रहा है। अपनी व्यक्तिगत संतुष्टि के लिये शक्ति, सत्ता, पद, और सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग है भ्रष्टाचार। सूत्रों के मुताबिक, पूरी दुनिया में भ्रष्टाचार के मामले में भारत का स्थान 85वाँ है।

भ्रष्टाचार सबसे अधिक सिविल सेवा, राजनीति, व्यापार और दूसरे गैर कानूनी क्षेत्रों में फैला है। भारत विश्व में अपने लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिये प्रसिद्ध है लेकिन भ्रष्टाचार की वजह से इसको क्षति पहुँच रही है। इसके लिये सबसे ज्यादा जिम्मेदार हमारे यहाँ के राजनीतिज्ञ है जिनको हम अपनी ढ़ेरों उम्मीदों के साथ वोट देते है, चुनाव के दौरान ये भी हमें बड़े-बड़े सपने दिखाते है लेकिन चुनाव बीतते ही ये अपने असली रंग में आ जाते है। हमे यकीन है कि जिस दिन ये राजनीतिज्ञ अपने लालच को छोड़ देंगे उसी दिन से हमारा देश भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगा।


auroraariazen: Can u make it small
navneet123098: yes... wait
auroraariazen: Thanks
navneet123098: I had posted short essay..... u check it
Answered by Anonymous
5

भ्रष्टाचार पर निबंध: भ्रष्टाचार प्रकृति में बहुत विनाशकारी है। जिस प्रकार की चीजें डेमोक्रेटिक देश को प्रभावित करती हैं, इससे आपको सुरक्षित रहने में मदद मिलती है। यदि सभी लोग अच्छे व्यक्ति बन जाएंगे, तो हमें लोगों में भ्रष्टाचार से बचने की कोशिश करनी चाहिए और लोकतांत्रिक देशों से भी।

भ्रष्टाचार शब्द का अर्थ कुछ भी प्रदूषित और नष्ट करना है यह हमारे समाज में व्यापक है यह हर जगह फैल गया है हर कोई अपने कर्तव्य को निभाने की उम्मीद करता है। यह उनके काम करने की सोच का एक तरीका बन गया है। इसके लिए एक पूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता होगी। हम सभी अपने समाज को भ्रष्टाचार से मुक्त करने का प्रयास करना चाहते हैं।

भ्रष्टाचार से बचें!

Similar questions