details about munsi in hindi
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मचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।[1] मूल नाम धनपत राय वाले प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है।[2] उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था।[3][4] प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं।
patilpranjal:
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हिंदी के साहित्यकारों में मुंशी प्रेमचंद का नाम अमर है I इनका जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस के पास गांव में हुआ I प्रेमचंद जी का बचपन का नाम धनपतराय था I इनके पिता डाकखाने में मुंशी थे I
प्रेमचंद को गरीबी विरासत में मिली I जब वे 7 साल के थे तो उनकी माता का निधन हो गया I इनके पिता ने दूसरी शादी कर ली, इनकी सौतेली माता बहुत कटु और कठोर स्वभाव की थी I इस कारण प्रेमचंद जी की शिक्षा पूरी नहीं हो पाई I 15 साल की उम्र में उनका विवाह एक अनपढ़ स्त्री से कर दिया गया I
उन्होंने बाद में अपनी पढ़ाई जारी रखी और बच्चों को पढ़ाते थे I 1919 में उन्होंने बी ए की उपाधि प्राप्त की I बाद में उन्होंने बाल-विधवा शिवरानी से विवाह कर लिया I प्रेमचंद सच्चे देशभक्त थे I वे अंग्रेजी शासन के सामने कभी नहीं झुके I मुंशी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया I अंग्रेजी सरकार ने उनकी एक किताब ‘सोज ए वतन’ इसलिए जब्त कर ली क्योंकि उसमें देशभक्ति की कहानियां थी I
प्रेमचंद को गरीबी विरासत में मिली I जब वे 7 साल के थे तो उनकी माता का निधन हो गया I इनके पिता ने दूसरी शादी कर ली, इनकी सौतेली माता बहुत कटु और कठोर स्वभाव की थी I इस कारण प्रेमचंद जी की शिक्षा पूरी नहीं हो पाई I 15 साल की उम्र में उनका विवाह एक अनपढ़ स्त्री से कर दिया गया I
उन्होंने बाद में अपनी पढ़ाई जारी रखी और बच्चों को पढ़ाते थे I 1919 में उन्होंने बी ए की उपाधि प्राप्त की I बाद में उन्होंने बाल-विधवा शिवरानी से विवाह कर लिया I प्रेमचंद सच्चे देशभक्त थे I वे अंग्रेजी शासन के सामने कभी नहीं झुके I मुंशी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया I अंग्रेजी सरकार ने उनकी एक किताब ‘सोज ए वतन’ इसलिए जब्त कर ली क्योंकि उसमें देशभक्ति की कहानियां थी I
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