Details of brain hemorrhage in hindi
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ब्रेन हेमरेज में खून की नली ब्रेन के अंदर या बाहर फट जाती है। अगर अचानक या बहुत तेज सिरदर्द हो या उलटी आ जाए, बेहोशी छाने लगे तो हेमरेज की आशंका ज्यादा होती है। ब्रेन हेमरेज से भी पैरालिसिस होता है। इसमें खून का थक्का जम जाता है और इसे हटाने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।
सर्दियों में सेहत का खास खयाल रखना पड़ता है। इस मौसम में दिल की बीमारियों के साथ ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में आप क्या सावधानी बरत सकते हैं और ब्रेन हेमरेज और स्ट्रोक में क्या फर्क है, यहां जान सकते हैं।सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। कुछ बातों का ध्यान रखें तो खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। आखिर सर्दियों में ऐसा क्यों होता है और इसके लिए क्या करना चाहिए, एक्सपर्ट्स से बात कर पूरी जानकारी दे रहे हैं लोकेश के.
भारतीब्रेन हेमरेज और स्ट्रोक में क्या है फर्क
ब्रेन हेमरेज में खून की नली ब्रेन के अंदर या बाहर फट जाती है। अगर अचानक या बहुत तेज सिरदर्द हो या उलटी आ जाए, बेहोशी छाने लगे तो हेमरेज की आशंका ज्यादा होती है। ब्रेन हेमरेज से भी पैरालिसिस होता है। इसमें खून का थक्का जम जाता है और इसे हटाने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। दूसरी तरफ, अगर रक्त वाहिकाओं में किसी रुकावट की वजह से दिमाग को खून की सप्लाई में कोई रुकावट आ जाए या सप्लाई बंद हो जाए तो दिमाग की कोशिकाओं में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं। इसे स्ट्रोक कहते हैं। ध्यान रखने वाली बात यह है कि स्ट्रोक और हेमरेज, दोनों से पैरालिसिस हो सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
जब भी शरीर के किसी एक भाग में कमजोरी लगने लगे या बोलने में जुबान लड़खड़ाए या बोली बंद हो जाए, देखने में दिक्कत हो या फिर चलने-फिरने में परेशानी हो तो मरीज को फौरन ही ऐसे हॉस्पिटल में लेकर पहुंचना चाहिए जहां ब्रेन स्ट्रोक का इलाज उपलब्ध हो। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इन सभी परेशानियों के उभरने के ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे के भीतर इलाज मिल जाना चाहिए। इससे मरीज के चंगा होने के आसार काफी बढ़ जाते हैं।
किसको खतरा ज्यादा
महिलाओं की तुलना में पुरुषों को इसका खतरा ज्यादा है। वहीं अगर किसी को शुगर या बीपी की फैमिली हिस्ट्री है तो 40-45 साल की उम्र में जांच के जरिए पता लगाना चाहिए कि उसे शुगर या बीपी का का खतरा है या नहीं। दरअसल, उम्र बढ़ने और शुगर व बीपी होने पर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। आमतौर पर 55-60 साल की उम्र में खतरा बढ़ना शुरू हो जाता है। हालांकि हमारे देश में युवा मरीज भी काफी हैं।
सर्दी में ज्यादा क्योंवैसे तो ब्रेन स्ट्रोक की समस्या कभी भी हो सकती है, लेकिन सर्दियों में यह परेशानी ज्यादा होती है। दरअसल, सर्दी में खून की नसें सिकुड़ जाती हैं जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। कभी-कभी बीपी बढ़ने से दिमाग की नस फट जाती हैं। इसकी 5 खास वजहें हो सकती हैं:
1. एक्सर्साइज में कमी
2. भूख भी ज्यादा लगती है सर्दी में
3. मोटापा
4. नशा करना
5. पानी कम पीना