Hindi, asked by nangramyare, 8 months ago

dev sena ka geet kabita ka paripath sparsh kijiye​

Answers

Answered by LovelyFuzzie
4

Answer:

Dev iss kavita ka mukhya patra hai .

hope it helps you mate ☺️

Answered by prastutibarman9
2

Answer:

मैने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई” इस पंक्ति से कवि का आशय है कि जीवन में देवसेना ने यह सोचा था कि वह स्कंदगुप्त को पा लेगी।

लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसने बस जीवन भर सिर्फ उनकी यादें जोड़ी है उनको पाने की लालसा में पूरा जीवन निकाल दिया पर अब उसने अपने आप को देश सेवा के लिए समर्पित कर दिया है अब उसके मन से प्रेम की भावना खत्म हो गई है।

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