Hindi, asked by p18bhavikpatel, 3 months ago

ढाँचे पर से कहानी लिखिए एवं शीर्षक दीजिए |
एक नौकर द्वारा हार चोरी करना - सेठ का सभी नौकरों से
सेठ का सभी नौकरों से पूछना - किसी का चोरी कबूल न करना
सेठ द्वारा युक्ति करना - प्रत्येक को सात-सात इंच की लकड़ी देना - जादू की छड़ी होने की बात
कहना - दूसरे दिन दिखने को कहना - चोर की लकड़ी एक इंच बढ़ जाएगी - घर जाकर हार चुरानेवाले
नौकर का एक इंच लकड़ी काटना - दूसरे दिन चोर का पकडे जाना - सीख |​

Answers

Answered by RajkapurBhardwaj
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Answer:

ये कहानी सेठ अपनी युक्ति से कैसे एक अपराधी को सच्चे रास्ते पर ले जाता है उसके बारे में है । आखिर में सेठ की युक्ति से अपराधी सही राह पर चलने लगता है ।

एक छोटे से गाँव में एक सेठ अपने परिवार के साथ रहते थे । सेठ का एक बड़ा सा दुकान था । सेठ के दुकान में दिनभर सामान लेने वाले लोग आया करते थे । अब सेठ इस ग्राहकों को संभाल नहीं पा रहे थे । उसलिए सेठ ने अपने दुकान पर 2 लोगो को काम करने के लिए रखा था ।दोनों नौकर सुबह – सुबह ही दुकान पर आ जाते थे और देर रात तक सेठ की दुकान पर काम करते थे । सेठ भी दोनों नौकरो को बराबर मजदूरी देते थे । सेठानी उन दोनों नौकरो को घर वापिस जाने के समय उनके बच्चो के लिए खाने – पिने का सामान भी देती थी ।

इस तरह काम करते करते उन नौकरो को कई सारे दिन हो गए थे । सेठ को अपने दुकान की चीजे कम होती नजर आ रही थी लेकिन दुकान के गल्ले में उतने पैसे तेजी से नहीं बढ़ रहे थे !

सेठ ने ये बात सेठानी को बताई । सेठ ने सेठानी जी से कहा की मुझे ऐसा लग रहा है की दुकान का सामान जल्दी से ख़तम हो रहा है और पैसे इतने नहीं आ रहे है तुम भी अपनी तरफ से एक बार देख लो । सेठानी ने कहा की मुझे भी कुछ दिनों से ऐसा ही महसूस हो रहा था , लेकिन मेने सोचा सायद में गलत हु इसलिए मेने आपको इसके बारे में नहीं बताया ।

उन दोनों को लग रहा था की वो दो नौकर उनकी दुकान में से चोरी कर रहे है । सेठ और सेठानी ने मिलकर इसके बारे में जांच की । वो दोनों एक – एक करके नौकरो के घर पर गए और वह जाकर छानबीन की । उनको पता चला की दुकान से जो सामान गायब हो रहा है वो और किसी ने नहीं बल्कि ये दोनों ने ही चुराया है ।सेठानी अब सेठ के कहने लगे की आप इन दोनों को दुकान से निकाल दीजिये । सेठ ने सेठानी से कहा की अगर में उनको निकाल दूंगा तो फिर वो किसी दूसरी जगह जाकर चोरी करेंगे । इन दोनों को निकाल देने से वे नहीं सुधरेगे । हमें इनको अगर सुधारना ही है तो हमें कुछ दूसरा सोचना होगा ।

सेठानी को सेठ की बात सही नहीं लग रही थी वो उन्हें बार – बार समजा रही थी की आप दोनों को दुकान से निकल ही दो । सेठ ने कहा की अगर हम ये दोनों को निकालने की वजह उनकी मजदूरी और भी बढ़ा दे तो फिर ये दोनों चोरी नहीं करेंगे ।

सेठानी ने कहा की अगर हम वैसा करेंगे तो फिर हमारी सारीकमाई इन नौकरो के पालन – पोषण में ही खर्च हो जाएगी । हमारे बच्चो का क्या होगा ?

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सेठ ने कहा की मुझे इनको सुधारने का सिर्फ यही रास्ता सच्चा और अच्छा लगता है और में यही करुगा । सेठ ने उन दोनों की मजदूरी बढ़ा दी और उनके बच्चो के कपडे , पढाई – लिखाई के खर्च भी दिया ।

कुछ ही समय के बाद दुकान में चोरी होना बंद हो गया और उनकी दुकान अच्छे से चलने लगी । सेठ को अपनी युक्ति पे पूरा भरोसा था और वो सेठ की युक्ति काम भी आ गयी ।अगर सेठ ने केवल अपने बारे में सोचा होता तो फिर वो दोनों नौकर सायद कभी नहीं सुधरते लेकिन सेठ जी की इस युक्ति से सबका जीवन सुधर गया ।Moral : हर अपराधी को दंड देकर ही नहीं सुधारा जा सकता है बल्कि प्रेम और क्षमा से भी सुधारा जा सकता है ।

Explanation:

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