Hindi, asked by officialnithin29, 10 months ago

ढाढी ने फोटो को खाने के लिए क्या दिया

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Answered by hemantprachi68283
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Answered by KRPS500
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लोग सिर्फ़ शरीर ढकने के लिए कपड़ा पहनते हैं पर मुझे तो चेहरे पर भी कपड़ा बांधना पड़ता था. मैं चेहरे पर बिना कपड़ा लपेटे कभी घर से बाहर नहीं निकली. चाहे गर्मी हो या बरसात, धूप हो या छांव, दस साल तक मैंने चेहरे पर कपड़ा बंधा."

दिल्ली के महारानी बाग़ में रहने वाली पायल (बदला हुआ नाम) आज भी उन दिनों को याद करके रुआंसी हो जाती हैं. ज़िंदगी के बीते दस साल उनके लिए बहुत मुश्किल भरे रहे क्योंकि उनके चेहरे पर बाल थे.

कोमल रोएं नहीं, काले-सख़्त मर्दों जैसे बाल.

"जब स्कूल में थी तो ज़्यादा बाल नहीं थे लेकिन कॉलेज आते-आते चेहरे के आधे हिस्से, पर बाल अचानक से बढ़ने लगे. पहले छोटे छोटे बाल आए, तब मैंने उतना ध्यान नहीं दिया. लेकिन अचानक वो लंबे काले दिखने लगे. वैक्स कराती थी लेकिन पांच दिन में बाल वापस आ जाते थे. फिर मैंने शेव करना शुरू कर दिया."

एक वाकये का ज़िक्र करते हुए वो कहती हैं "एक दिन पापा का रेज़र नहीं मिल रहा था. मम्मी भी पापा के साथ रेज़र खोज रही थीं लेकिन उन्हें भी नहीं मिला. थोड़ी देर बाद पापा ने कहा, पायल से पूछो... कहीं वो तो नहीं लेकर गई शेव करने के लिए."

ऐसी बहुत सी घटनाएं बीते दस सालों में हुईं. दवा लेने के बावजूद कोई फ़ायदा नहीं हुआ तो पायल ने लेज़र ट्रीटमेंट लेने का फ़ैसला किया. पहले लेज़र ट्रीटमेंट को लेकर उन्हें बहुत डर था. आख़िरकार हर हफ़्ते की झंझट से निजात पाने के लिए उन्होंने लेज़र ट्रीटमेंट करवा ही लिया.

दिल्ली में रहने वाली डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सुरूचि पुरी कहती हैं कि हमारे समाज में किसी लड़की के चेहरे पर बाल आ जाना शर्म की बात मानी जाती है. लोगों को पता ही नहीं होता है कि ये बायोलॉजिकल साइकिल में गड़बड़ी आ जाने की वजह से होता है.

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