Dharti Gol Kyon Hai
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Since the Earth is flattened at the poles and bulges at the Equator, geodesy represents the figure of the Earth as an oblate spheroid. The oblate spheroid, or oblate ellipsoid, is an ellipsoid of revolution obtained by rotating an ellipse about its shorter axis.
Answer:
हम पृथ्वी के किसी भू भाग पर खड़े होकर यह नही बता सकते कि धरती गोल है क्योंकि इंसान के मुकाबले धरती बहुत बड़ी है और इतनी बड़ी है कि हमे उसके गोल होने का एहसास नही होता है और हमे यह चपटी ही दिखाई देती है।
2. सर्वप्रथम पाइथागोरस ने बताया था कि धरती गोल है, उन्होंने कहा कि ” गोल सबसे सुंदर ज्योमिति आकृति होती है और अगर पृथ्वी ब्रह्मांड का केंद्र है (वेसे तो पृथ्वी ब्रह्मांड का केंद्र नही है) तो उसे गोल होना चाहिए।
3. पृथ्वी के गोल होने का दावा महान यूनानी दार्शनिक अरस्तू ने भी किया था। उन्होंने देखा कि ग्रहण के समय सूरज के प्रकाश से बनी छाया हमेशा वक्राकार होती है और यह तभी सम्भव है जब पृथ्वी और चांद दोनों गोल हो। अरस्तू भी पृथ्वी को ब्रह्मांड का केंद्र मानते थे लेकिन वास्तव में धरती ब्रह्मांड का केंद्र नही है।
4. आर्यभट्ट ने भी पृथ्वी को गोल बताया था और पृथ्वी की कर्क रेखा और मकर रेखा का निर्घारण भी किया था भास्कराचार्य जी ने सिर्द्धान्त – शिरोमणि में घरती को गोल बताया था ,उन्होंने कहा कि अगर पृथ्वी सपाट है तो ताड़ के समान ऊंचे पेड़ हमे दूर से नजर क्यों नही आते है।
5. सन 1519 में विक्टोरिया नामक जहाज ने पृथ्वी की एक पूरी परिक्रमा की थी। इस जहाज ने अपनी यात्रा अटलांटिक महासागर के सेविल नामक बंदरगाह से शुरू की थी और यह जहाज पृथ्वी का एक चक्कर लगाकर वापस उसी बंदरगाह आ गया था।
6. सर्वप्रथम न्यूटन ने बताया था कि पृथ्वी पूरी तरह से गोल ना होकर संतरे की तरह अपने दोनों ध्रुवो पर चपटी है। यह उन्होंने गुरुत्वाकर्षण की खोज करने के दौरान बताया था लेकिन पृथ्वी सन्तरे की तरह ना होकर अंडाकार है।
7. पानी की बूंदे गोल होती है क्यूंकी उस पर चारो तरफ से वातावरण का सामान दबाव होता है। पृथ्वी पर भी चारो और से सामान दबाव होता है । इसलिये धरती भी गोल होती है।
8. समुन्द्र में जब जहाजो को जाते हुए देखते है तो तो दूर जाने पर यह अहसास होता है कि जहाज क्षितिज पर डूब रहे है और वो फिर ओझल हो जाते है। अगर पृथ्वी चपटी होती तो जहाज गायब नही होते।