Hindi, asked by userno6, 11 months ago

Dharti ki si reet hai seet gham o meh,
Jo jaise rhe so sahi rahe, tyo rahim yeh de | what is the meaning of this Doha of rahim.

Answers

Answered by bhatiamona
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धरती की सी रीत है, सीत घाम औ मेह।

जैसी परे सो सहि रहै, त्‍यों रहीम यह देह॥

व्याख्या :

अर्थात रहीम दास जी ने इस धरती की सहनशक्ति और मनुष्य की सहनशक्ति की तुलना वर्णन किया है। वह कहते हैं मनुष्य का जो सहन शक्ति है, उसके सहन करने की शक्ति धरती के समान ही है। जिस प्रकार सदैव धरती सदैव सर्दी, गर्मी, बारिश इन सब अलग-अलग विपरीत परिस्थितियों को झेलती रहती है। उसी तरह मनुष्य का शरीर भी जीवन में आने वाले सुख-दुख, हर्ष-विषाद जैसे विपरीत परिस्थितियों को झेलने की सामर्थ्य रखता है।

Answered by varmashankar72
11

Answer:

दोहा :-

धरती की सी रीत है, सीत घाम औ मेह।

जैसी परे सो सहि रहै, त्यों रहीम यह देह ॥

अर्थ :-

इस दोहे में रहीम दास जी

इस दोहे में रहीम दास जीने धरती के साथ-साथ मनुष्य के शरीर की सहन शक्ति का

इस दोहे में रहीम दास जीने धरती के साथ-साथ मनुष्य के शरीर की सहन शक्ति कावर्णन किया है। ... उसी प्रकार मनुष्य का शरीर भी जीवन

इस दोहे में रहीम दास जीने धरती के साथ-साथ मनुष्य के शरीर की सहन शक्ति कावर्णन किया है। ... उसी प्रकार मनुष्य का शरीर भी जीवनमें आने वाले सुख-दुःख को सहने की शक्ति रखता है।

Explanation:

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