Dhobi ka kutta na ghar ka na ghat ka' par vakya
Answers
जिस व्यक्ति का कहीं ठिकाना न हो।
Explanation:
राम की माँ ने उसके लिए अपने हाथों से खाना बनाया था । लेकिन दोस्त द्वारा भोजन पर आमंत्रित किये जाने के कारण उसने अपनी माँ द्वारा बनाये खाने से इंकार कर दिया । जिसे उसकी माँ ने गाय को दें दिया । राम के दोस्त को कुछ जरुरी काम आ गया जिस कारण उसे कहीं जाना पड़ा। अब राम को भूखा ही सोना पड़ा इसे ही कहते हैं “धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का”।
हिंदी भाषा के ऐसे वाक्यांश जिनका उपयोग बिना किसी परिवर्तन के हिंदी भाषा में किया जाता है को मुहावरे कहते हैं।
मुहावरे भाषा को एक सटीक रूप देते हैं।
मुहावरे के उपयोग से भाषा आकर्षक हो जाती है।
अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग
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गंगा गए तो गंगादास जमुना गए तो जमुनादास
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Answer:
तुम तो बिल्कुल धोबी के कुत्ते के समान हो जो न तो घर का न घाट का होता है । नोकरी पाने के लिए उसने बार बार अपना पक्ष बदला पर उसे नोकरी नही मिली इसे ही कहते है की धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का । यह काम कर कर तो तुम धोबी का कुत्ता बन गए हो जो न घर न घाट का होता है