DHVANI कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
Answers
Answer:
कवि मानते हैं कि अभी उनका अंत नहीं होगा। अभी-अभी उनके जीवन रूपी वन में वसंत रूपी यौवन आया है।कवि प्रकृति का वर्णन करते हुए कहते हैं कि चारों ओर वृक्ष हरे-भरे हैं,पौधों पर कलियाँ खिली हैं जो अभी तक सो रही हैं।कवि कहते हैं वो सूर्य को लाकर इन अलसाई हुई कलियों को जगाएँगे और एक नया सुन्दर सवेरा लेकर आएंगे। कवि प्रकृति के द्वारा निराश-हताश लोगों के जीवन को खुशियों से भरना चाहते है।
Explanation:
कवि ने इस कविता के द्वारा प्रकृति के प्रति मानवीय संवेदना को दर्शाया है। इस कविता में प्रकृति का मनोहारी चित्रण है।भाषा सरल और भावपूर्ण है।तत्सम और तद्भव शब्दों का प्रयोग भी किया गया है। इस कविता में कवि का आशावादी दृष्टिकोण है।इसलिए वह जीवन की सुंदरता को पूरी तरह से जीना चाहता है यह दिखाया है।
कवि ने इस कविता के द्वारा प्रकृति के प्रति मानवीय संवेदना को दर्शाया है। कवि इस कविता के द्वारा प्रकृति के उदाहरण प्रस्तुत करते है और किस तरह प्रकृति के प्रति इंसान की अर्थात् मानव की जो भाव रहते है उन्हें दर्शाया गया है। और वह किस तरह से प्रकृति से प्रेरणा ले सकते है। जब आप कविता को पढ़ते हैं तो आपकी आँखों के सामने बहुत ही सुंदर चित्र प्रस्तुत हो जाता है। भाषा बहुत सरल है जो आपको आसानी से समझ आ जाऐगी। तत्सम और तद्धव शब्दों का प्रयोग भी किया गया है अर्थात् जो शब्द संस्कृति भाषा से जैसे के तैसे प्रस्तुत किये गए है शुद्ध हिन्दी के शब्दों का प्रयोग किया गया है। जोकि बहुत ही सरल है। कवि बहुत ही आशावादी विचारों के हैं वे जीवन के प्रति सकारत्मक सोच रखते है। और आशावादी है अर्थात् उन्हें अपने जीवन से बहुत ही सकारत्मक उम्मीद है। इसलिए वह जीवन की सुन्दरता को पूरी तरह से जीना चाहता है। यह सब इस कविता में दिखाया है।