Diary entry on trip to nainital in summer holidays in hindi
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ग्रीष्मावकाश में नैनीताल की यात्रा
नैनीताल हिंदुस्तान का प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल है जहाँ लाखों यात्री हर साल जाकर झुलसती गर्मी से राहत पाते हैं। इस गर्मी की छुट्टियों में हमारे परिवार क़े साथ मेरे चाचाजी क़े परिवार ने एक साथ जाने का निर्णय किया और हम अपनी अपनी कार लेकर नैनीताल की सुहानी वादियों का अनुभव करने क़े लिए चल पड़े। बच्चे ज़्यादा उत्साहित थे क्योंकि हम सब हमउम्र थे और यह बात तय थी कि हम खूब मज़ा करने वाले थे।
दोपहर तक हम नैनीताल पहुँच गए। माल रोड पर हमने पहले ही होटल में प्रबंध कर रखा था। थोड़ा सुस्ता कर और यात्रा की थकन उतर जाने पर हम माल रोड पर टहलने कि लिए तैयार हो गए। यहाँ की माल रोड भी सभी पर्वतीय स्थानों की माल रोड की हरह बहुत व्यस्त और समय बिताने कि लिए अच्छा साधन है। रात में बिजली स्तम्भों कि प्रकाश में झील की सुंदरता देखते ही बनती थी। हम सब में झील में ।नाव की सवारी की जो बहुत आनंदमय थी।
अगले दिन हमने टिफिन टॉप पर ट्रेकिंग करने का निर्णय लिया और एक लोकल गाइड क़े साथ हम अपना अपना खाने का सामान और पानी लेकर चल दिए। यह एक अनुपम ही अनुभव था। पर्वतीय वृक्षों और धुप छांव को झेलते हुए जब हम अपनी मंज़िल पर पहुंचे तो सभी थोड़ा थोड़ा थक गए थे। हमने थोड़ा आराम किया और जलपान करने क़े बाद हम वापिस चल दिए। मैंने निर्णय लिया कि मैं यहाँ वापिस जरूर आऊंगा, उस जगह का आकर्षण ही इतना मनभावन था। शाम को हमने फिर से नाव की यात्रा की और रात को होटल में आकर सब थकान कि कराव खूब सोये।
उससे अगले दिन हमने नौकुचियाताल और भीमताल जाने का इरादा किया और दोनों ही झीलों को बहुत सुन्दर और शांत पाया। वहां की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती थी। शहर की भीड़ भाड़ से परे वह स्थान एक दिव्य अनुभूति दे रहे थे। अगले दिन वापिस आने से पहले हम वहां कि चिड़ियाघर में गए। वहां मैंने पहली बार सफ़ेद तेंदुआ और उसका एक बच्चा देखा। कुदरत की विविधता भी बहुत ही रोमांचक है।
लौटने क़े दौरान हमने खूब अंत्याक्षरी खेली और गाने गाये। नैनीताल की यात्रा मेरी छुट्टियों का एक बहुत सुन्दर और स्वर्णिम अनुभव रहा जिसे में कभी नहीं भूलूंगा।
नैनीताल हिंदुस्तान का प्रसिद्ध पर्वतीय स्थल है जहाँ लाखों यात्री हर साल जाकर झुलसती गर्मी से राहत पाते हैं। इस गर्मी की छुट्टियों में हमारे परिवार क़े साथ मेरे चाचाजी क़े परिवार ने एक साथ जाने का निर्णय किया और हम अपनी अपनी कार लेकर नैनीताल की सुहानी वादियों का अनुभव करने क़े लिए चल पड़े। बच्चे ज़्यादा उत्साहित थे क्योंकि हम सब हमउम्र थे और यह बात तय थी कि हम खूब मज़ा करने वाले थे।
दोपहर तक हम नैनीताल पहुँच गए। माल रोड पर हमने पहले ही होटल में प्रबंध कर रखा था। थोड़ा सुस्ता कर और यात्रा की थकन उतर जाने पर हम माल रोड पर टहलने कि लिए तैयार हो गए। यहाँ की माल रोड भी सभी पर्वतीय स्थानों की माल रोड की हरह बहुत व्यस्त और समय बिताने कि लिए अच्छा साधन है। रात में बिजली स्तम्भों कि प्रकाश में झील की सुंदरता देखते ही बनती थी। हम सब में झील में ।नाव की सवारी की जो बहुत आनंदमय थी।
अगले दिन हमने टिफिन टॉप पर ट्रेकिंग करने का निर्णय लिया और एक लोकल गाइड क़े साथ हम अपना अपना खाने का सामान और पानी लेकर चल दिए। यह एक अनुपम ही अनुभव था। पर्वतीय वृक्षों और धुप छांव को झेलते हुए जब हम अपनी मंज़िल पर पहुंचे तो सभी थोड़ा थोड़ा थक गए थे। हमने थोड़ा आराम किया और जलपान करने क़े बाद हम वापिस चल दिए। मैंने निर्णय लिया कि मैं यहाँ वापिस जरूर आऊंगा, उस जगह का आकर्षण ही इतना मनभावन था। शाम को हमने फिर से नाव की यात्रा की और रात को होटल में आकर सब थकान कि कराव खूब सोये।
उससे अगले दिन हमने नौकुचियाताल और भीमताल जाने का इरादा किया और दोनों ही झीलों को बहुत सुन्दर और शांत पाया। वहां की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती थी। शहर की भीड़ भाड़ से परे वह स्थान एक दिव्य अनुभूति दे रहे थे। अगले दिन वापिस आने से पहले हम वहां कि चिड़ियाघर में गए। वहां मैंने पहली बार सफ़ेद तेंदुआ और उसका एक बच्चा देखा। कुदरत की विविधता भी बहुत ही रोमांचक है।
लौटने क़े दौरान हमने खूब अंत्याक्षरी खेली और गाने गाये। नैनीताल की यात्रा मेरी छुट्टियों का एक बहुत सुन्दर और स्वर्णिम अनुभव रहा जिसे में कभी नहीं भूलूंगा।
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