Difference between economic growth and economic development in hindi
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आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास के बीच अंतर इस प्रकार है:
1. आर्थिक समृद्धि का मतलब देश के सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय,में वृद्धि और गरीबों की जनसँख्या में कमी से होता है जबकि आर्थिक विकास से आशय किसी देश की आधारभूत संरचना की मजबूती, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों से होता है.सत्तर के दशक के पूर्व आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास को समान अर्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता था परन्तु इसके बाद के अर्थशास्त्रियों ने इसमें भेद करना शुरू कर दिया और अब इन दोनों शब्दों को अलग अलग अर्थों में प्रयोग किया जाता है
.2. आर्थिक विकास एक वृहत धारणा है जबकि आर्थिक संवृद्धि एक लघु धारणा है.
3. आर्थिक संवृद्धि की धारणा आर्थिक विकास के अंतर्गत आती है.
4. आर्थिक संवृद्धि मूलतः उत्पादन की वृद्धि से सम्बंधित है जबकि आर्थिक विकास का सम्बन्ध देश के संवांगीर्ण विकास से सम्बंधित है.
5. आर्थिक विकास का सम्बन्ध विकासशील देशों से माना जाता है जबकि आर्थिक संवृद्धि का सम्बन्ध विकसित देशों से होता है.
6. आर्थिक संवृद्धि में एक व्यक्ति विशेष के विकास या किसी एक इकाई के विकास की बात की जाती है जबकि आर्थिक विकास में सम्पूर्ण देश या समाज के विकास की बात की जाती है
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7. यदि कोई देश आर्थिक रूप से विकसित है तो यह कहा जा सकता है कि वह आर्थिक रूप से संवृद्ध भी है परन्तु यह नही कहा जा सकता कि यदि कोई देश आर्थिक रूप से संवृद्ध हो तो वह आर्थिक रूप से विकसित भी होगा. उदाहरण के रूप में आप खाड़ी के देशों को ले सकते हैं जहाँ पर आर्थिक समृद्धि तो बहुत अधिक आ चुकी है क्योंकि तेल के अधिक उत्पादन के कारण इन देशों की प्रति व्यक्ति आय तो बहुत अधिक है लेकिन आर्थिक समृद्धि नही हो पाई है क्योंकि आधारभूत संरचना का बहुत कम विकास हुआ है.
8. आर्थिक संवृद्धि के मुख्य कारक इस प्रकार हैं: सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय और ऐसे आर्थिक चर जिनका मात्रात्मक माप संभव हो जबकि आर्थिक विकास के कारकों में शिक्षा, साक्षरता दर, जीवन प्रत्याशा, पोषण का स्तर, स्वास्थ्य सेवाएँ, खाने में पोषक तत्वों की उपलब्धता आदि है.
आर्थिक संवृद्धि की परिभाषा: आर्थिक संवृद्धि से मतलब किसी समयावधि में किसी अर्थव्यवस्था में होने वाली वास्तविक आय में वृद्धि से है. सामान्य रूप से यदि किसी देश की सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है तो कहा जाता है कि उस देश में आर्थिक संवृद्धि हो रही है.
आर्थिक विकास की परिभाषा: आर्थिक विकास की परिभाषा आर्थिक संवृद्धि से व्यापक होती है. आर्थिक विकास किसी देश के सामाजिक सांस्कृतिक, आर्थिक, गुणात्मक एवं मात्रात्मक सभी परिवर्तनों से सम्बंधित है. इसका प्रमुख लक्ष्य कुपोषण बीमारी, निरक्षरता और बेरोजगारी को खत्म करना होता है.
1. आर्थिक समृद्धि का मतलब देश के सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय,में वृद्धि और गरीबों की जनसँख्या में कमी से होता है जबकि आर्थिक विकास से आशय किसी देश की आधारभूत संरचना की मजबूती, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों से होता है.सत्तर के दशक के पूर्व आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास को समान अर्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता था परन्तु इसके बाद के अर्थशास्त्रियों ने इसमें भेद करना शुरू कर दिया और अब इन दोनों शब्दों को अलग अलग अर्थों में प्रयोग किया जाता है
.2. आर्थिक विकास एक वृहत धारणा है जबकि आर्थिक संवृद्धि एक लघु धारणा है.
3. आर्थिक संवृद्धि की धारणा आर्थिक विकास के अंतर्गत आती है.
4. आर्थिक संवृद्धि मूलतः उत्पादन की वृद्धि से सम्बंधित है जबकि आर्थिक विकास का सम्बन्ध देश के संवांगीर्ण विकास से सम्बंधित है.
5. आर्थिक विकास का सम्बन्ध विकासशील देशों से माना जाता है जबकि आर्थिक संवृद्धि का सम्बन्ध विकसित देशों से होता है.
6. आर्थिक संवृद्धि में एक व्यक्ति विशेष के विकास या किसी एक इकाई के विकास की बात की जाती है जबकि आर्थिक विकास में सम्पूर्ण देश या समाज के विकास की बात की जाती है
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7. यदि कोई देश आर्थिक रूप से विकसित है तो यह कहा जा सकता है कि वह आर्थिक रूप से संवृद्ध भी है परन्तु यह नही कहा जा सकता कि यदि कोई देश आर्थिक रूप से संवृद्ध हो तो वह आर्थिक रूप से विकसित भी होगा. उदाहरण के रूप में आप खाड़ी के देशों को ले सकते हैं जहाँ पर आर्थिक समृद्धि तो बहुत अधिक आ चुकी है क्योंकि तेल के अधिक उत्पादन के कारण इन देशों की प्रति व्यक्ति आय तो बहुत अधिक है लेकिन आर्थिक समृद्धि नही हो पाई है क्योंकि आधारभूत संरचना का बहुत कम विकास हुआ है.
8. आर्थिक संवृद्धि के मुख्य कारक इस प्रकार हैं: सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय और ऐसे आर्थिक चर जिनका मात्रात्मक माप संभव हो जबकि आर्थिक विकास के कारकों में शिक्षा, साक्षरता दर, जीवन प्रत्याशा, पोषण का स्तर, स्वास्थ्य सेवाएँ, खाने में पोषक तत्वों की उपलब्धता आदि है.
आर्थिक संवृद्धि की परिभाषा: आर्थिक संवृद्धि से मतलब किसी समयावधि में किसी अर्थव्यवस्था में होने वाली वास्तविक आय में वृद्धि से है. सामान्य रूप से यदि किसी देश की सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है तो कहा जाता है कि उस देश में आर्थिक संवृद्धि हो रही है.
आर्थिक विकास की परिभाषा: आर्थिक विकास की परिभाषा आर्थिक संवृद्धि से व्यापक होती है. आर्थिक विकास किसी देश के सामाजिक सांस्कृतिक, आर्थिक, गुणात्मक एवं मात्रात्मक सभी परिवर्तनों से सम्बंधित है. इसका प्रमुख लक्ष्य कुपोषण बीमारी, निरक्षरता और बेरोजगारी को खत्म करना होता है.
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आर्थिक वृद्धि का मतलब वास्तविक राष्ट्रीय आय / राष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि है। आर्थिक विकास का अर्थ है जीवन और जीवन स्तर की गुणवत्ता में सुधार, उदा। साक्षरता, जीवन-प्रत्याशा और स्वास्थ्य देखभाल के उपाय।
स्पष्टीकरण:
आर्थिक वृद्धि
- आर्थिक वृद्धि एक समय की विशिष्ट अवधि के लिए मानी जाने वाली अर्थव्यवस्था या राष्ट्र द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं में वृद्धि है।
- देश की वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में वृद्धि स्थिर और स्थिर है और इसका कारण शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, प्रौद्योगिकी में सुधार या किसी भी तरह से माल और
- सेवाओं में मूल्यवर्धन हो सकता है जो हर क्षेत्र द्वारा उत्पादित किया जाता है। अर्थव्यवस्था।
- इसे वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में प्रतिशत वृद्धि के रूप में मापा जा सकता है।
- जहां एक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को मुद्रास्फीति द्वारा समायोजित किया जाता है।
- जीडीपी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का बाजार मूल्य है जो किसी अर्थव्यवस्था या राष्ट्र में उत्पादित होता है।
आर्थिक विकास
- आर्थिक विकास अर्थव्यवस्था की गुणात्मक और मात्रात्मक वृद्धि दोनों पर ध्यान केंद्रित करने वाली प्रक्रिया है।
- यह उन सभी पहलुओं को मापता है, जिसमें एक देश के लोग अमीर, स्वस्थ, बेहतर शिक्षित होते हैं, और अच्छी गुणवत्ता वाले आवास तक अधिक पहुंच रखते हैं।
- आर्थिक विकास शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और पर्यावरण के संरक्षण के क्षेत्रों में अधिक अवसर पैदा कर सकता है।
- यह प्रत्येक नागरिक की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि का संकेत देता है।
- जीवन स्तर में विभिन्न चीजें शामिल हैं जैसे सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता प्रणाली में सुधार, चिकित्सा सुविधाएं, साक्षरता दर में सुधार के लिए प्राथमिक शिक्षा का प्रसार, गरीबी उन्मूलन, संतुलित परिवहन नेटवर्क, रोजगार के अवसरों में वृद्धि, आदि।
- जीवन स्तर की गुणवत्ता। आर्थिक विकास का प्रमुख सूचक। इसलिए, अर्थव्यवस्था के विकास के लिए आर्थिक विकास में वृद्धि अधिक आवश्यक है ताकि एक विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल किया जा सके।
- इसे मानव विकास सूचकांक द्वारा मापा जा सकता है, जो साक्षरता दर और जीवन प्रत्याशा पर विचार करता है जो उत्पादकता को प्रभावित करता है और आर्थिक विकास को जन्म दे सकता है।
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