Political Science, asked by Verma155, 10 months ago

difference between multiple cropping and modern farming method in hindi​

Answers

Answered by snaha34
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Answer:

फसल या सस्य किसी समय-चक्र के अनुसार वनस्पतियों या वृक्षों पर मानवों व पालतू पशुओं के उपभोग के लिए उगाकर काटी या तोड़ी जाने वाली पैदावार को कहते हैं।[1] मसलन गेंहू की फ़सल तब तैयार होती है जब उसके दाने पककर पीले से हो जाएँ और उस समय किसी खेत में उग रहे समस्त गेंहू के पौधों को काट लिया जाता है और उनके कणों को अलग कर दिया जाता है। आम की फ़सल में किसी बाग़ के पेड़ों पर आम पकने लगते हैं और, बिना पेड़ों को नुक्सान पहुँचाए, फलों को तोड़कर एकत्रित किया जाता है।

जब से कृषि का आविष्कार हुआ है बहुत से मानवों के जीवनक्रम में फ़सलों का बड़ा महत्व रहा है। उदाहरण के लिए उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल में रबी की फ़सल और ख़रीफ़ की फ़सल दो बड़ी घटनाएँ हैं जो बड़ी हद तक इन क्षेत्रों के ग्रामीण जीवन को निर्धारित करती हैं। इसी तरह अन्य जगहों के स्थानीय मौसम, धरती, वनस्पति व जल पर आधारित फ़सलें वहाँ के जीवन-क्रमों पर गहरा प्रभाव रखती हैं।[2]

Explanation:

morden farming

आधुनिक कृषि प्रणाली ने समूचे देश में अनाज के उत्पादन की वृद्धि में भारी योगदान दिया है। आधुनिक कृषि प्रणाली के प्रयोग से देश अनाज के उत्पादन में पर्याप्तता प्राप्त कर सकता है। कृषि कार्य में उपयोगी आधुनिक विधियाँ हैं- बेहतर बीजों का प्रयोग, उचित सिंचाई तथा रासायनिक खादों के प्रयोग से पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति व कीटनाशकों के प्रयोग से पौधों को लगने वाली बीमारियों व कीटाणुओं का नियंत्रण। आधुनिक कृषि में ट्रैक्टर, कम्बाइन हार्वेस्टर व सिंचाई के लिये ट्यूबवेलों द्वारा आधुनिक जोताई (खेती) की विधियों का प्रयोग किया है। उच्च उत्पादकता वाले बीजों के माध्यम से खाद्य-उत्पादन में भारी वृद्धि को हरित क्रांति कहा गया है। आधुनिक कृषि का मुख्य उद्देश्य अच्छी फसल के साथ-साथ वायु, जल, भूमि व मानवीय स्वास्थ्य का संरक्षण भी होना चाहिए।

उद्देश्य

इस पाठ के अध्ययन के समापन के पश्चात, आपः

- हरित क्रांति को परिभाषित कर पाएँगे;

- भारत के प्रयोग में आने वाले ऊँची उत्पादकता के पौधों की किस्मों (HYV) के विषय में जान पाएँगे;

- खादों व कीटनाशकों की आवश्यकता का महत्त्व जान पाएँगे;

- बेहतर किस्म के बीजों, कृषि यंत्रों और सिंचाई की आवश्यकता पर पर्याप्त जोर दे सकेंगे;

- मशरूम (खुम्मी) की बुवाई, पशुपालन व मत्स्य पालन की विधियाँ जैसी नई कृषि विधियों के बारे में जान पाएँगे;

- पशुपालन को परिभाषित कर पाएँगे;

- मवेशियों का निवास, भोजन इत्यादि के सम्बन्ध में प्रबंधन प्रक्रिया का वर्णन कर पाएँगे;

- मवेशियों को साधारणतः होने वाली बीमारियों का नाम बता पाएँगे;

- मरे हुए पशुओं के निपटान का पर्यावरण पर दुष्प्रभाव से सम्बन्ध जोड़ सकेंगे;

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